अभी से अगर कुछ सालों पहले की बात करें तो हमारे स्मार्टफोन में हमें रिमूवेबल बैटरी देखने को मिलती थी जिसे हम खुद से लगा या निकाल सकते थे। परंतु आज जो बैटरी हमारे स्मार्टफोन में लगाए जाते हैं वह पहले के मुकाबले काफी ज्यादा एडवांस और बेहतर हो गए हैं। जहां एक और अब की बैटरी में उपयोग की जाने वाली टेक्नॉलॉजी को बेहतर की गई है वहीं दूसरी ओर उसमें यूज किए जाने वाले मटेरियल को भी बेहतर बनाया गया है।
आपने गौर किया हो तो पहले की बैटरी में अगर हम ओवर चार्ज करते थे तो ज्यादातर बैटरी फूल जाती थी या कटने लगती थी। पर अब अगर हम अपने स्मार्ट फोन को चार्जिंग में लगा कर भूल भी जाए तो इस तरह का कोई प्रॉब्लम जल्दी देखने को नहीं मिलता। पहले के मुकाबले अब हमारे स्मार्टफोन जैसे-जैसे और स्मार्ट होते जा रहे हैं, हमारी चार्जिंग टेक्नोलॉजी भी डिवेलप हो रही है।
साफ शब्दों में कहें तो अब अगर आप अपने स्मार्टफोन को ओवर चार्ज करते हैं, कभी चार्ज लगा कर भूल जाते हैं, तो स्मार्ट फोन की बैटरी में ज्यादा कुछ प्रभाव नहीं पड़ने वाला। अब के स्मार्टफोन में अगर आप चेक करें तो स्मार्टफोन का टेंपरेचर तब कम होता है जब वह ओवर चार्ज हो रहा होता है, मुकाबले जब वह नॉर्मल चार्ज हो रहा होता है। मतलब जब स्मार्ट फोन चार्ज हो रहा होता है 1 से 100% तब उसका टेंपरेचर जितना होता है 100% चार्ज हो जाने के बाद उसका टेंपरेचर उससे कम हो जाता है।
अगर आप इसका जांच करना चाहते हैं तो एक छोटा सा चार्जर मीटर आता है जिसे अगर आप स्मार्टफोन और चार्जर के बीच कनेक्ट कर देते हैं तो आप उस चार्जर की चार्जिंग स्पीड आउटपुट को देख पाएंगे। अगर आप चार्जर मीटर से चेक करेंगे तो आप पाएंगे कि, शुरुआत में जब स्मार्ट फोन को चार्ज लगाया जाता है तब, वह उतना ही आउटपुट देता है जितना उस चार्जर की कैपेसिटी है। परंतु जैसे ही स्मार्टफोन 80% या 90% तक चार्ज हो जाता है तो उसका चार्जिंग स्पीड कम हो जाता है। और 100% चार्ज हो जाने के बाद चार्जिंग स्पीड बहुत कम हो जाती है। तब तो यह उतना ही चार्जिंग प्रोड्यूस करता है जितना उस स्मार्टफोन का पावर खपत होता है।
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आपने गौर किया हो तो पहले की बैटरी में अगर हम ओवर चार्ज करते थे तो ज्यादातर बैटरी फूल जाती थी या कटने लगती थी। पर अब अगर हम अपने स्मार्ट फोन को चार्जिंग में लगा कर भूल भी जाए तो इस तरह का कोई प्रॉब्लम जल्दी देखने को नहीं मिलता। पहले के मुकाबले अब हमारे स्मार्टफोन जैसे-जैसे और स्मार्ट होते जा रहे हैं, हमारी चार्जिंग टेक्नोलॉजी भी डिवेलप हो रही है।
साफ शब्दों में कहें तो अब अगर आप अपने स्मार्टफोन को ओवर चार्ज करते हैं, कभी चार्ज लगा कर भूल जाते हैं, तो स्मार्ट फोन की बैटरी में ज्यादा कुछ प्रभाव नहीं पड़ने वाला। अब के स्मार्टफोन में अगर आप चेक करें तो स्मार्टफोन का टेंपरेचर तब कम होता है जब वह ओवर चार्ज हो रहा होता है, मुकाबले जब वह नॉर्मल चार्ज हो रहा होता है। मतलब जब स्मार्ट फोन चार्ज हो रहा होता है 1 से 100% तब उसका टेंपरेचर जितना होता है 100% चार्ज हो जाने के बाद उसका टेंपरेचर उससे कम हो जाता है।
अगर आप इसका जांच करना चाहते हैं तो एक छोटा सा चार्जर मीटर आता है जिसे अगर आप स्मार्टफोन और चार्जर के बीच कनेक्ट कर देते हैं तो आप उस चार्जर की चार्जिंग स्पीड आउटपुट को देख पाएंगे। अगर आप चार्जर मीटर से चेक करेंगे तो आप पाएंगे कि, शुरुआत में जब स्मार्ट फोन को चार्ज लगाया जाता है तब, वह उतना ही आउटपुट देता है जितना उस चार्जर की कैपेसिटी है। परंतु जैसे ही स्मार्टफोन 80% या 90% तक चार्ज हो जाता है तो उसका चार्जिंग स्पीड कम हो जाता है। और 100% चार्ज हो जाने के बाद चार्जिंग स्पीड बहुत कम हो जाती है। तब तो यह उतना ही चार्जिंग प्रोड्यूस करता है जितना उस स्मार्टफोन का पावर खपत होता है।
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