Tuesday, December 24, 2019

अगर बैंक डूब जाए तो हमारे पैसो का क्या होगा? Agar bank doob jaye to humare paiso ka kya hoga?

दोस्तों कई बार हमारे मन में सवाल आता है, कि अगर हमारा बैंक हमारे पैसे लेकर भाग जाए या वह बैंक डूब जाए जिसमें हमने पैसे जमा किए हैं, तो हमारे पैसों का क्या होगा?  और हमारा कितना पैसा आरबीआई ( Reserve Bank of India ) की तरफ से सुरक्षित होगा?
  तो जैसा की हम जानते है भारत के अंतर्गत संचालित किए जाने वाले सभी बैंक आरबीआई के अंतर्गत आते हैं, और आरबीआई का इन पर पूरा कंट्रोल होता है। जब कोई बैंक अस्तित्व में आता है तो सबसे पहले तो उसे एक निश्चित राशि आरबीआई को देनी होती है। इसके बाद, चाहे वह पब्लिक सेक्टर बैंक हो या प्राइवेट सेक्टर बैंक, उसका आधा या आधा से अधिक शेयर सरकार के पास होता है।
  इसके अलावा जब कोई  ग्राहक किसी बैंक में अपना खाता खुलवा आता है तो, उस बैंक को अपने उस ग्राहक के लिए एक इंश्योरेंस करवाना होता है। और यह इंश्योरेंस DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) के अंतर्गत होता है। DICGC, RBI की एक fully owned सब्सिडिरी है। DICGC  के अंतर्गत जब कोई बैंक किसी ग्राहक के लिए इंश्योरेंस करवाता है, तो बैंक को वहां प्रत्येक ग्राहक के लिए 1 लाख रुपए का इंश्योरेंस करवाना होता है।  और जब बैंक में किसी तरह की आर्थिक तंगी आती है, बैंक डूब जाता है या किसी और तरह  की परेशानी के वजह से अगर बैंक अपने ग्राहक को पैसे अदा करने में असमर्थ हो जाता है तो, यहाँ DICGC (परोक्ष रूप से आरबीआई) ग्राहक को 1 लाख रुपये तक की राशि प्रदान करता है।
  इस तरह हम कह सकते हैं कि अगर बैंक डूब जाए तो हमारा 1 लाख रुपये तक का पैसा आरबीआई के पास सुरक्षित होता है।
 
  अब यहां आपके मन में कई सारे सवाल उठ रहे होंगे, जैसे अगर किसी का जॉइंट अकाउंट है तो उसका क्या? अगर किसी व्यक्ति का अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग अकाउंट है तो उसको कितना पैसा मिलेगा?
      1) अगर आपके एक बैंक के अंदर 1 लाख रुपये तक या उससे कम की राशि जमा है तो आपको पूरे पैसे मिल जाएंगे परंतु अगर उस बैंक में आपका 1 लाख रुपये से ज्यादा की राशि जमा है तो भी आपको 1 लाख रुपये तक की ही राशि मिल पाएगी।
      2)  अगर एक ही व्यक्ति के कई सारे अकाउंट अलग-अलग बैंकों में हैं तो हर बैंक के तरफ से उस व्यक्ति के लिए डीआईसीजीसी के अंतर्गत 1 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस होता है। मतलब जितने भी बैंकों में अकाउंट होंगे उन सभी बैंकों के तरफ से किसी व्यक्ति के लिए एक इंश्योरेंस 1 लाख रुपये का किया जाएगा।
      3)  अगर किसी एक बैंक में एक ही अकाउंट किसी दो व्यक्ति का जॉइंट अकाउंट है तो, इस स्थिति में उस बैंक को उन दोनों व्यक्तियों के लिए डीआईसीजीसी के अंतर्गत अलग अलग एक एक लाख रुपये का इंश्योरेंस करवाना अनिवार्य होगा।  इस तरह इस स्थिति में एक ही अकाउंट के लिए दो लाख रुपये सुरक्षित हो जाते हैं।

 आशा करता हूं आपके सभी प्रश्नों के उत्तर इस पोस्ट में मिल गए होंगे।  और सहायता के लिए नीचे वीडियो देखें👇👇

No comments:

Post a Comment

खोए हुए कांटेक्ट को वापस कैसे लाएं? गूगल कॉन्टैक्ट्स बैकअप और रिस्टोर कैसे करे? Khoye hue contacts ko wapas kaise laye? Google contacts backup or restore kaise karen?

   अगर किसी एंड्राइड फोन में कांटेक्ट को हमेशा के लिए सुरक्षित करके रखना है, तो इसके लिए सबसे बेहतर तरीका है, गूगल कांटेक्ट के अंदर उसका बै...