Monday, September 30, 2019

इंटरनेट से ऑनलाइन पैसे कमाने के 8 सबसे सुरक्षित और पॉपुलर तरीके। Internet se online paise kamane ke 8 sabse surakshit aur popular tarike.

आज कई सारे लोग ऐसे हैं जो घर बैठे ऑनलाइन पैसे कमा रहे हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ऑनलाइन पैसे कमाने के चक्कर में अपना बहुत ज्यादा समय बर्बाद कर रहे हैं, क्योंकि कुछ लोगों को यह नहीं पता कि वे कौन से ऐसे तरीके हैं जिनकी मदद से हम ऑनलाइन पैसे कमा सकते हैं। और वे लोग छोटे-मोटे एप्लीकेशंस वगैरह के चक्कर में अपना समय बर्बाद करते हैं और कमाई बिल्कुल कम या ना के बराबर होती है। तो इसलिए चलिए जानते हैं क्या है वह तरीके जिनकी मदद से हम अच्छे खासे पैसे कमा सकते हैं इंटरनेट पर।

     आज जो लोग भी इंटरनेट पर ऑनलाइन पैसे कमा रहे हैं,  और अपना भरण-पोषण सारा काम ऑनलाइन पैसों की मदद से ही कर रहे हैं वह मुख्यतः 8 तरीके निम्न है:-
1. Dropshipping or Reselling
2. Affiliate marketing
3. Video publishing
4. Freelancing
5. Blogging
6. Website design and publishing
7. App development and publishing
8. Domain Reselling


1. Dropshipping or Reselling :- Dropshipping या reselling  ऑनलाइन किया जाने वाला ऐसा काम है जिसमें आप एक ऑनलाइन सेलर तो होते हो, पर आप ना ही प्रोडक्ट बनाते हो और ना ही उसे स्टोर करते हो। बस आपको उस प्रोडक्ट की मार्केटिंग करनी होती है और सेल करना होता है।  इसमें पहले से ऑनलाइन मिल रही वस्तु पर आप अपना मार्जिन जोड़कर उससे सेल करते हैं इससे जो मार्जिन होता है वही आपकी कमाई होती है।

2. Affiliate marketing :-  एफिलिएट मार्केटिंग ऑनलाइन पैसे कमाने का एक  बहुत अच्छा तरीका है। जिसमें आपको बस Amazon, Flipkart जैसे ई-कॉमर्स वेबसाइट के प्रोडक्ट को अपने लिंक के द्वारा सेल करवाना होता है, और इसके लिए आपको कमीशन मिलता है। एफिलिएट मार्केटिंग करने के लिए आपके पास ऑडियंस का होना जरूरी होता है। अगर आप कोई सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर हो या आपके पास कोई ब्लॉग या वेबसाइट है जिस पर अच्छी खासी ट्रैफिक आती है तो आप एफिलिएट मार्केटिंग कर सकते हैं और इससे पैसे कमा सकते हैं। 

3. Video publishing :-  वीडियो पब्लिशर बन कर भी आप अच्छे खासे पैसे कमा सकते हैं ऑनलाइन। इसमें आपको वीडियोस बनाकर अपलोड करने होते हैं।  यह वीडियो आप यूट्यूब फेसबुक या ऐसे ही किसी और वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म  पर डाल सकते हैं इसमें जब आपके वीडियोस पर विज्ञापन दिखाया जाएगा तो इसके लिए आपको पैसे दिए जाते हैं।
 अगर आप वीडियोस के माध्यम से टीच कर सकते हैं तो आप अपने वीडियोस को लर्निंग वेबसाइट जैसे -  Lynda.com, Udemy, Udacity, Khan Academy, Codecademy पर अपलोड कर सकते हैं जहां अगर आपके वीडियोस के द्वारा अगर कोई कुछ सीखना चाहता है तो वहां पर वह आपको पैसे पे करता है और इससे आपको कमाई होती है।

4. Freelancing :-  अगर आपके पास कोई अच्छी ऑनलाइन स्किल्स है जैसे  वेब डिजाइनिंग, एप डेवलपमेंट, वेब रिसर्च, डाटा एंट्री, पीडीएफ कन्वर्जन, ट्रांसलेशन इत्यादि तो आप फ्रीलांसिंग कर सकते हैं। जहां पर ऑनलाइन आपको यही सारे काम करने पड़ते हैं आपके क्लाइंट के लिए, और इसके लिए वे आपको पैसे देते है। freelancing के लिए Upwork, Fiverr, guru.com  जैसे वेबसाइट पर जा सकते हैं।

5. Blogging :- ऑनलाइन पैसे कमाने के लिए ब्लॉगिंग एक बहुत अच्छा साधन हो सकता है। हालांकि आज अगर आप कोई ब्लॉग लिखना शुरू करते हैं, तो तुरंत से ही आपको पैसे मिलने शुरू नहीं हो जाएंगे। इसके लिए आपको अच्छे कॉन्टेंट लिखने होंगे और आपके ब्लॉग को रैंक करवाना होगा सर्च रिजल्ट में और एक बार जब ब्लॉग एडवरटाइजिंग के लिए तैयार हो जाए तो आप इससे अच्छी खासी कमाई कर पाएंगे। ब्लॉग पोस्ट  लिखना शुरू करने से पहले एक बार जांच कर ले कि कौनसे विषयों पर ज्यादा ब्लॉग लिखे जा चुके हैं, और किन विषयों पर या किन भाषाओं में इंटरनेट पर कम ब्लॉग उपलब्ध है। और जिसमें ज्यादा कंपटीशन ना हो उसी कैटेगरी के ब्लॉग पोस्ट लिखे तो कमाई  की संभावना और बढ़ जाएगी।

6. Website design and publishing :-  अगर आपको वेबसाइट डिजाइन करना आता है, तो आप ऑनलाइन वेब डिजाइनिंग सर्विस प्राइड करके पैसे कमा सकते हैं या आप खुद का वेबसाइट बनाकर अपनी सर्विसेस लोगों तक पहुंचाकर एडवरटाइजिंग के द्वारा या लोगो को subscription देखकर पैसे कमा सकते हैं।

7. App development and publishing :- अगर आपको एप्लीकेशन डेवलप करना आता है तो आप बहुत अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।  आज कई सारे ऐसे लोग हैं जो एप्लीकेशन डेवलपर को ढूंढ रहे हैं तो यह सारी सर्विसेस आप ऑनलाइन प्राइड करके पैसे कमा सकते हैं किसी कंपनी या किसी इंडिविजुअल के लिए ऐप बनाकर।  
अगर आप चाहे तो एंड्रॉयड और आईओएस एप बनाकर आप खुद का एप्लीकेशन बनाकर ऐप्स स्टोर या प्ले स्टोर में डाल सकते हैं, और एडवर्टाइजमेंट के द्वारा पैसे कमा सकते हैं या तो फिर कोई paid सब्सक्रिप्शन सर्विस  देकर पैसे कमा सकते हैं।

8. Domain Reselling :- आजकल domain reselling  काफी प्रचलन में है ऑनलाइन पैसे कमाने को लेकर। अगर आपको लगता है कि, कोई डोमेंन जिसकी कीमत आज कम है, या उस डोमिन के बारे में लोगों को पता नहीं है, पर भविष्य में इसकी डिमांड हो सकती है, इसकी जरूरत पड़ सकती है लोगों को, तो ऐसे डोमेन को आप खरीद कर रख सकते हैं और उसकी मांग बढ़ने पर अधिक कीमत में बेचकर पैसे कमा सकते हैं।  एक domain name  खरीद कर रखने के लिए आपको सालाना लगभग ₹600 देने पड़ते हैं पर अगर भविष्य में उसकी कीमत बढ़ती है या किसी कंपनी को उसकी जरूरत पड़ती है तो आप उस डोमेन से लाखों-करोड़ों कमा सकते हैं।

 तो यह है कुछ 8 तरीके जिससे ज्यादातर लोग अभी पैसे कमा पा रहे हैं। और सहायता के लिए नीचे वीडियो देखें👇

Google Drive फ़ाइल शेयरिंग की मदद से एक साथ कई सारे फाइल्स, फोटोस एंड वीडियोस को शेयर करें। Google Drive file sharing ki madad se a 160 unlimited files, photos and videos ko share Karen।

 दोस्तों गूगल ड्राइव (google drive) के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे। जब हम कोई भी एंड्रॉयड स्मार्टफोन खरीदते हैं तो उसमें गूगल ड्राइव हमें प्रीइंस्टॉल्ड मिलता है। Google Drive का उपयोग हम मुख्यतः अपने फाइल्स, फोटोस और वीडियो को स्टोर करने के लिए या सुरक्षित रखने के लिए करते हैं।
 लेकिन शायद आप यह नहीं जानते होंगे कि Google drive में  अपलोड किए गए फाइल्स, फोटोज और वीडियोस को हम बहुत ही आसानी से सिर्फ एक लिंक भेजकर किसी के भी साथ शेयर कर सकते है।  चाहे उस फ़ाइल का का साइज कितना भी बड़ा क्यों न हो।
          अगर हम किसी फाइल को ईमेल या व्हाट्सएप जैसे इंस्टेंट मेसेजिंग एप्प से सेंड करना चाहते है तो वहाँ कुछ डेटा साइज की लिमिट दी होती है जिससे ज्यादा साइज का फ़ाइल हम उससे शेयर नही कर सकते। वही अगर छोटा फ़ाइल भी हो और अगर हमें कई सारे लोगो को भेजना हो तो हम हर किसी को अलग-अलग नही भेज सकते इसमे बहुत समय और डेटा लग जायेगा। ऐसे में गूगल ड्राइव का फ़ाइल शेयरिंग ऑप्शन बहुत उपयोगी हो जाता है।  जिसमें हम उस फाइल को गूगल ड्राइव में अपलोड कर देते हैं जिसे हमें शेयर करना है, और इसके बाद बहुत ही आसानी से सिर्फ हमें एक लिंक शेयर करना होता है जिनको भी यह फाइल शेयर करना है। और वह व्यक्ति जिसे हमने लिंक शेयर किया है खुद से उस गूगल ड्राइव में जाकर उस फाइल को देख सकता है और डाउनलोड कर सकता है चाहे वह फाइल कितनी भी बड़ी साइज का हो।
नीचे दिए गए निर्देशों का पालन करके आप गूगल ड्राइव में से फाइल को शेयर कर सकते हैं👇

1. गूगल ड्राइव को खोले।


 2. ड्राइव में से उस फाइल या फोल्ड को चुने जिसे आपको शेयर करना है। उसके बगल में आपको 3 डॉट्स दिखेंगे उस पर क्लिक करें।


3. 3 डॉट्स पर क्लिक करते ही जो लिस्ट खुलेगा उसमे देखे उस फ़ाइल का लिंक शेयरिंग on है या off, अगर off है तो उसपर क्लिक करके उसे on करले।

4. लिंक शेयरिंग on हो जाने पर उसले नीचे आपको copy link का ऑप्शन दिखेगा जिसपर क्लिक करके लिंक कॉपी करले और फिर उस लिंक को व्हाट्सएप, ईमेल या किसी और तरीके से किसी को भी शेयर करे जिनके साथ आपको उस फ़ाइल को शेयर करना है। और जब वह उस लिंक पर क्लिक करके उसे खोलेगा तो वह उस फ़ाइल तक पहुच जाएगा।

 और सहायता के लिए यह वीडियो देखें👇

Video stabilization क्या होता है? गूगल फोटोज की मदद से वीडियो को स्थिर बनाये। video stabilization kya hota hai?

 video stabilization का हिंदी होता है "वीडियो स्थिरीकरण"। और जिसका मतलब है किसी वीडियों को स्थिर बनाना। जब हम किसी वीडियो को रिकॉर्ड करते है तो कई बार यह बहुत हिलता-डुलता हुआ होता है जब हम इसे किसी तरह स्थिर बनाते है तो उसे ही वीडियो को stabilize करना कहते है।
           इंटरनेट पर आपको कई सारे  video stabilizer  सॉफ्टवेयर मिल जाएंगे जिसमें से कुछ paid होते हैं तो कुछ फ्री होते है। आजकल मिलने वाले कई सारे स्मार्टफोन में आपको इनबिल्ट वीडियो स्टेबलाइजेशन का ऑप्शन मिल जाता है पर अगर आप का वीडियो फिर  स्थिर नहीं बन पाता तो आप अपने फोन में एक प्रीइंस्टॉल्ड ऐप गूगल फोटोस की मदद से किसी वीडियो को स्थिर बना सकते हैं, नीचे दिए गए निर्देशों को देखकर....।

1. अपने स्मार्टफोन में गूगल फोटोज को खोले।


2. इसके बाद ऊपर बायीं ओर दिए गए 3 लाइन्स पर क्लिक करे।

3. इसके बाद device folder को सेलेक्ट करे।

4. Device folder में से उस वीडियो को चुने जिसे आपको स्थिर बनाना है or stabilize करना है।

5. वीडियो खोलने के बाद नीचे आपको वीडियो एडिट करने का शाइन दिखेगा उसपर क्लिक करे।

6. इसके बाद आपको stabilize पर क्लिक करना है।

क्लिक करते ही स्थिरीकरण चालू हो जाएगा।

7. प्रोसेस पूरा हो जाने पर save copy पर क्लिक करें।

 और बस इतना करने पर आपका एक स्थिर वीडियो का कॉपी आपके गैलरी में सेव हो जाता है।  आप चाहे तो वही गूगल फोटोज एप के अंदर स्थिर किए हुए वीडियो और बिना स्थित किए हुए वीडियो की तुलना भी कर सकते हैं।

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Sunday, September 29, 2019

गूगल मैप्स की मदद से जाने पूरे दिन आप या आपके फ़्रेंड्स फॅमिली में कौन कहाँ-कहाँ गए थे। Google maps ki madad se jane aap ya aapke friends, family me koi pure din kahan gaye the.

Google maps का उपयोग दो लगभग है स्मार्टफोन यूजर करता है पर क्या आपको पता है गूगल मैप्स के टाइमलाइन फीचर के बारे में?  गूगल मैप्स का टाइमलाइन फीचर एक बहुत ही बेहतरीन फीचर है गूगल की तरफ से, जिसकी मदद से आप देख सकते हैं पूरे दिन में आप कहां-कहां गए या तो फिर, आपके फ्रेंड या फैमिली के स्मार्टफोन को लेकर भी आप उसके फोन से देखकर आप चेक कर पाएंगे कि वह कहां कहां गए थे पूरे दिन। टाइमलाइन का उपयोग या इसे एक्टिवेट करने के लिए निम्न निर्देशो का पालन करे👇
1.  अपने फोन में गूगल मैप्स को खोलें और फिर ऊपर दाहिने कोने में 3 लाइंस के ऊपर क्लिक करें।
 2.  क्लिक करने के बाद आपके पास एक लिस्ट खुल जाएगा जिसमें से आपको दूसरा ऑप्शन टाइमलाइन में जाना है।

3.  अगर आप पहली बार टाइमलाइन को खोल रहे हैं तो आपको नीचे दिए गए चित्र के अनुसार एक पेज दिखाई देगा,  जिसमें आपको टर्न ऑन पर क्लिक करना है। पर अगर आपने इससे पहले गूगल मैप्स में टाइम लाइन को खोला था तो आपको या पेज नहीं दिखाई देगा।
3. इसके बाद आपके पास जो पेज खुलकर आता है उस पर आप देख पाएंगे कि पूरे दिन आप कहां कहां गए। 
 इस पेज के ऊपर आप देख सकते हैं कि पूरे दिन आप कहां कहां गए। आपको इस पेज पर मैप और डिस्टेंस साथ ही साथ यह भी दिखाई देता है कि आपने दो जगहों के बीच कैसे ट्रेवल किया पैदल या किसी और ट्रांसपोर्टेशन से। पर यहां पर आपको सिर्फ उसी दिन की डिटेल मिल पाती है जिस दिन आप यह चेक कर रहे हैं अगर आपको बीते हुए किसी और दिन की डिटेल चेक करनी है तो आपको ऊपर दिए गए today के ऊपर क्लिक करके कैलेंडर खोल लेना है और उसमें से आप कोई भी तिथि चुन सकते हैं जिस तिथि की डिटेल आपको चेक करनी है।


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VPN (वीपीएन) क्या है, यह कैसे काम करता है? VPN kya hai, yah kaise kaam karta hai?

VPN का फुल फॉर्म होता है virtual private network (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क)। और जैसा नाम से ही पता चल रहा है  वीपीएन हमें वास्तव में इंटरनेट पर एक प्राइवेट नेटवर्क प्रदान करता है,  जहां हम निजी तौर पर व्यक्तिगत रूप से अपना कुछ काम कर सकते हैं, जो प्राइवेट रहेगा।
         इंटरनेट पर जब कोई वेबसाइट किसी देश के लिए ब्लॉक किया हुआ होता है तो VPN का उपयोग करके उस देश में रहकर भी उस वेबसाइट को एक्सेस किया जा सकता है। वीपीएन का उपयोग करके  आप इंटरनेट में दिखा सकते हैं कि आप किसी और देश से (आपके VPN में सिलेक्टेड देश से)  इंटरनेट यूज कर रहे हैं। 
  जैसे चाइना में गूगल के कई सारे सर्विसेज उपलब्ध नहीं है, बैन किये गए है, तो वहां पर अगर कोई बाहर से जाता है, और उसे गूगल के उस सर्विस को यूज करना है, तो वहां पर उसे वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का उपयोग करना होता है, और इसके उपयोग से वह आसानी से उस वेबसाइट को एक्सेस कर पाता है जिसे चाइना में ब्लॉक किया गया है।
     जब हम कोई वीपीएन नेटवर्क से कनेक्ट हो जाते हैं तो जो कुछ भी हम इंटरनेट पर सर्च करते हैं वह पहले उस कनेक्टेड सर्वर में जाता है और फिर कनेक्टेड सर्वर से इंटरनेट पर वह चीजें सर्च की जाती है, और जब इंटरनेट उस सर्वर को रिस्पांस करता है तो सर्वर हमें रिजल्ट दिखाता है इस तरह वीपीएन नेटवर्क काम करता है।  
जैसे मान लेते हैं अभी मैं भारत में बैठा हूं और एक यूरोपियन किसी कंट्री के VPN से कनेक्टेड हूँ, तो जो कुछ भी मैं अब इंटरनेट पर सर्च करूँगा वह पहले उस यूरोपियन कंट्री के सर्वर पर जाएगा जिसे मैंने कनेक्ट किया है, और इंटरनेट से जब उस सर्वर को रेस्पोंस किया जाएगा तो सरवर मुझे वहीं रिजल्ट दिखाएगा। इस तरह में भारत में बैठे-बैठे उस यूरोपियन कंट्री कि ओर से इंटरनेट पर सर्च कर पा रहा हूं।
    इंटरनेट पर आपको कई सारे वीपीएन (VPN) नेटवर्क प्रोवाइडर मिल जाएंगे, जिसमें से कुछ नेटवर्क को आप भुगतान करके ले सकते हैं, वहीं कुछ नेटवर्क आपको फ्री में भी मिल जाते हैं पर, फ्री वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क प्रदान करने वाली कंपनियां अक्सर यूजर का डाटा चोरी करती है या तो फिर आपको उस वीपीएन नेटवर्क के द्वारा तरह-तरह के विज्ञापन दिखाए जाते हैं। पर वही अगर आप कोई वीपीएन नेटवर्क भुगतान करके लेते हैं तो वह नेटवर्क बिल्कुल से और सिक्योर होता है, जिसमें आपको किसी तरह का विज्ञापन भी नहीं दिखाया जाता।

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किसी फोन या डिवाइस में आईएमइआई नंबर क्या होता है ? IMEI number kya hota hai?

आईएमइआई का फुल फॉर्म है "अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान" ( International Mobile Equipment Identity )। और जैसा इसके फुल फॉर्म से पता चलता है यह किसी डिवाइस का एक पहचान होता है। IMEI नंम्बर 15 नंबर का होता है, जो आपको किसी सेल फ़ोन में बैटरी के नीचे, रिटेल बॉक्स पर या *06# डायल करने पर मिल जाता है, वही स्मार्टफोन में इसके अलावा फ़ोन सेटिंग्स के अबाउट में भी मिल जाता है।
         IMEI Number किसी फोन के पहचान के  पहचान के लिए अति आवश्यक होता है और इसके बिना किसी फोन को नहीं चलाया जा सकता।  कई सारे देश में आईएमईआई नंबर को चेंज करना या बदलना गैरकानूनी माना गया है। भारत में भी आईएमइआई नंबर को चेंज करना गैरकानूनी माना गया है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में आप imei नम्बर चेंज कर सकते है जैसे अगर आपके ही नाम पे दो फ़ोन लिए हुुुए है और उसमेे से एक फ़ोन का imei दूसरे में डाल रहे है तो आप ऐसा कर सकते है पर इसके लिए भी खुली छूट नही दी गयी है। पर कई बार जब फ़ोन का imei नम्बर में कोई परेशानी आने लगती है तो इसे रिपेयर करन होता है।
   जब कभी हमारा फ़ोन खो जाता है और हम पुलिस में कंप्लेन करते है तो पुलिस imei नम्बर से ही फ़ोन को ब्लॉक या उसमे लगने वाले आगले नंबर को ट्रैक कर पाती है।

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म्यूचुअल फंड्स क्या होते हैं? इसमें कैसे इन्वेस्ट करें? Mutual funds kya hote hai? Kaise invest kare?

 जैसे म्यूच्यूअल का हिंदी अर्थ होता है सामूहिक वैसे ही म्यूच्यूअल फंड का मतलब होता है सामूहिक फंड जिसमें कई सारे लोग सामूहिक रूप से इन्वेस्ट करते हैं। 
       Mutual Fund में थोड़ा रिक्स भी होता है, पर लंबे समय तक निवेश के लिए काफी अच्छा माना जाता है।  सामूहिक रूप से निवेश किए गए राशि को किसी एक्सपर्ट द्वारा अलग-अलग जगह पर निवेश किया जाता है और जैसा इसका रिटर्न आता है उसी के आधार पर अलग-अलग लोगों द्वारा निवेश किए गए राशि के अनुसार उन्हें उसका वितरण कर दिया जाता है। म्यूच्यूअल फंड अलग-अलग तरह के होते हैं कुछ मचल फंड में ज्यादा रिटर्न्स मिलता है तो उसमें ज्यादा जोखिम भी होता है, वहीं कुछ म्यूच्यूअल फंड्स आपको कम रिटर्न्स देते हैं पर उसमें जोखिम भी बिल्कुल ना के बराबर होता ह, वही कुछ म्यूच्यूअल फंड बैलेंस फंड होते हैं जिनमें थोड़ा जोखिम होता है तो रिटर्न मीडियम ही मिलता है।
     वैसे तो म्यूच्यूअल फंड्स कई तरह के होते हैं

Fixed income funds. ...
Equity funds. ...
Balanced funds. ...
Index funds. ...
Specialty funds. ...
Fund-of-funds. ...
Diversify by investment style.
   पर यहां हम मुख्यतः तीन तरह के म्युचुअल फंड्स के बारे में बात करेंगे जिसमे मुख्यतः सभी फंड्स जाते हैं
1. equity mutual funds

2. balanced mutual funds

3. debt mutual funds

1. equity mutual funds :  इस तरह के म्यूचुअल फंड्स में निवेश किए गए राशि का  अधिकतम भाग शेयर मार्केट या किसी ऐसे ही जगह पर लगाया जाता है जहां पर जोखिम ज्यादा होता है तो वही रिटर्न भी त्वरित और अधिक मिलने की संभावना होती है।

2.  balanced mutual funds :  इस तरह के मुचल फंड में जमा हुए राशि का  कुछ भाग लगभग आधा भाग शेयर मार्केट जैसी जगहों पर लगाया जाता है, वही बचा हुआ इसका आधा भाग गवर्नमेंट फंडिंग या ऐसे ही किसी जगह पर लगाए जाते हैं जहां जोखिम कम होता है या बिल्कुल ना के बराबर होता है और इस तरह के फंड्स में रिटर्न भी बैलेंस मतलब मीडियम होता है।

3.  debt mutual funds :  इस तरह के म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश की गई राशि को किसी ऐसे जगह पर निवेश किया जाता है जहां जोखिम बिल्कुल कम हो या ना के बराबर हो जैसे गवर्नमेंट फंडिंग  इत्यादि। और क्योंकि इस म्यूच्यूअल फण्ड में जोखिम बिल्कुल कम होता है, इसलिए इसमें रिटर्न भी  कम ही मिलता है।  इसका रिटर्न अक्सर देखा जाता है की फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट के समान ही होता है।

 अगर आप म्यूचल फंड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो आपको यह बात ध्यान रखना होगा कि अलग-अलग समय अवधि के लिए आप अलग-अलग तरह के मुचल फंड को चुन सकते हैं पर ध्यान रहे म्यूच्यूअल फंड में से कुछ म्यूच्यूअल फंड को आप कभी भी निकाल सकते हैं वहीं कुछ मुचल फंड एक लॉकिंग पीरियड में आते हैं जिसमें अगर आप इन्वेस्ट करते हैं तो आपको इतने समय तक के बाद ही आप अपने राशि को निकाल पाएंगे।

और सहायता के लिए यह वीडियो देखें👇

Saturday, September 28, 2019

किसी फोन को रूट करने का क्या मतलब है? Phone ko root karna kya hota hai?

जैसे रूट शब्द का अर्थ होता है जड़, वैसे ही किसी फोन को रूट करने का मतलब है उसके जड़ तक जाना। kingo root जैसे कई सारे ऐसे सॉफ्टवेयर है जिसकी मदद से आप किसी फोन को रूट कर सकते हैं। रूट करने के बाद आप अपने फोन में बहुत सारी ऐसी चीजें कर सकते हैं जो बिना रूट किए उस फोन में नहीं कर सकते।
   जब आप कोई एंड्रॉयड फोन खरीदते हैं तो उसमें कई सारे लिमिटेशंस दिए होते हैं जैसे कि आप उसे उसके सिस्टम को ऑफिशियल तरीके से ही अपग्रेड कर सकते हैं उसमें अपने हिसाब से कस्टम रोम नहीं डाल सकते नई-नई एक्सपेरिमेंट करना चाहे तो बिना रूट के आपस में नहीं कर सकते।
लेकिन वहीं अगर आप अपने फोन को रूठ कर लेते हैं तो यह सारे काम बहुत ही आसानी से अब कर पाते हैं।

 एक और जहां फोन को रूट करने के फायदे हैं वहीं दूसरी ओर इसके कई सारे नुकसान भी हैं तो चलिए जानते हैं इसके फायदे और नुकसान।

 फोन को रूट करने के फायदे

1. रुट  करने के बाद आप उसमें नए नए एक्सपेरिमेंट कर सकते हैं, अपने हिसाब से नए-नए एप्स को इंस्टॉल कर सकते हैं।
2. कुछ ऐसे एप्स जो कंपनी की तरफ से दिए जाते हैं, आप अगर चाहे तो उन्हें भी अनइनस्टॉल कर सकते हैं जो बिना रूट किए नहीं हो सकता।
3.फ़ोन के पूरे सॉफ्टवेयर को चेंज कर सकते है,  जैसे उसमें एंड्राइड वर्जन अपडेट करना हो, फ्लैश फाइल इंस्टॉल करना हो या कोई और कस्टम रोम इंस्टॉल करना हो।

फ़ोन को रुट करने के नुकसान

1.  आपके फोन की वारंटी चली जाती है जो कंपनी की तरफ से आपको दी जाती है।  अगर आपका फोन वारंटी में है और आपने उसे रूट कर दिया है तो, उसमें से कंपनी की वारंटी चली जाती है।
2. फोन की सिक्योरिटी चली जाती है वह उतना ज्यादा सिक्योर नहीं रह पाता जितना रुट न होने पर होता है। फोन को रूट करने के बाद उसमें मैलवेयर और हैकिंग का खतरा बढ़ जाता है।


हमारी सलाह आपसे यही रहेगी कि अगर आपको बहुत ज्यादा जरूरी ना हो, या तो बहुत पुराना फोन ना हो तो आप उस फोन को रूट ना करें। अगर फोन को रूट करना भी चाहे तो कोई अच्छी कंपनी के सॉफ्टवेयर के साथ रूट करें ज्यादा सहायता के लिए यह वीडियो देखें👇

Thursday, September 26, 2019

किसी फोन में सॉफ्टवेयर मारने से क्या मतलब होता है? Kisi phone mein software Marne se kya matlab hota hai?

जब हम किसी फोन रिपेयरिंग शॉप पर जाते हैं तो कई बार हमें शॉपकीपर ( दुकानदार ) कहता है कि आपके फोन में सॉफ्टवेयर मारना पड़ेगा तो आखिर इसका मतलब क्या होता है?
        जैसा कि हम जानते हैं किसी भी  फोन को काम करने के लिए जितना जरूरी उसका हार्डवेयर है, उससे भी ज्यादा जरूरी उसमें सॉफ्टवेयर का होना होता है। बिना सॉफ्टवेयर के  कोई फोन किसी काम का नहीं होता आप उसमें किसी तरह का कोई भी काम नहीं कर सकते। तो जब कोई शॉपकीपर आपसे कहता है कि आपके फोन में सॉफ्टवेयर मारना पड़ेगा, तो इसका मतलब है कि आपके फोन के हार्डवेयर में कोई प्रॉब्लम नहीं है, पर उसका ऑपरेटिंग सिस्टम या सॉफ्टवेयर करप्ट हो गया है जिसे रीइंस्टॉल करना पड़ेगा, या उस सॉफ्टवेयर को फिर से डालना पड़ेगा।
         कई बार जब उस  फोन रिपेयरिंग करने वाले को ज्यादा कुछ फोन में प्रॉब्लम समझ नहीं आता तो भी वह यही कह देता है कि आपके फोन में सॉफ्टवेयर मारना पड़ेगा। जबकि वहां उस पूरे फोन को रिसेट करने या सॉफ्टवेयर मारने की जरूरत नहीं होती है। ऐसे में आप उससे पूछ सकते हैं कि आखिर हमारे फोन में प्रॉब्लम क्या है और इसे बिना सॉफ्टवेयर मारे ठीक किया जा सकता है या नहीं।
        कई बार फोन में सॉफ्टवेयर डालने का काम आप खुद से भी कर सकते हैं, अपने लैपटॉप या कंप्यूटर की मदद से। बस आपको ध्यान रखना होता है कि आप सही फ़्लैश फाइल को डाउनलोड करके सॉफ्टवेयर कर रहे हैं अन्यथा आपका फोन डेड हो सकता है और इसके बाद उसे रिपेयर करना बहुत मुश्किल हो जाता है।

 और सहायता के लिए विडियो देखे👇

Monday, September 16, 2019

क्रेडिट स्कोर (credit score) या सिबिल स्कोर (cibil score) क्या है?

क्रेडिट स्कोर, credit information bureau India Limited की ओर से जारी की जाने वाली एक मापदंड है , जो क्रमांक 300 से 900 के बीच होती है। यह किसी व्यक्ति के बैंकिंग संबंधों को दर्शाता है। जहाँ 300 से 629 तक "खराब"(bad), 630 से 689 तक "निष्पक्ष" (fair), 690 से 719 तक "अच्छा" (good) और 720 से 900 तक "बहुत अच्छा" (very good) को दर्शाता है।
      क्रेडिट स्कोर अच्छा होना या बुरा होना आपके हाथ में होता है। अगर आप अपने बैंक से अच्छे रिलेशन रखते हैं, समय पर बिल पेमेंट करते हैं, लोन चुकाते हैं, क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट करते हैं या मंथली एवरेज बैलेंस को मेंटेन करते हैं तो आप का क्रेडिट स्कोर खुद-ब-खुद अच्छा होता जाता है। वहीं अगर आप अपने बैंक में मंथली एवरेज बैलेंस को मेंटेन नहीं करते, क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर नहीं भरते, लोन समय पर नहीं चुकाते तो आपका क्रेडिट स्कोर धीरे-धीरे खराब होता है और आपका स्कोर नीचे गिरता जात है।
     हर बैंक अपने ग्राहकों का क्रेडिट रिपोर्ट हर महीने क्रेडिट ब्यूरो को भेजता है। किसी व्यक्ति की क्रेडिट स्कोर की जांच करने के लिए उसका पैन कार्ड आवश्यक होता है।  PAN card number से ही क्रेडिट ब्यूरो में किसी व्यक्ति की पहचान होती है और पैन कार्ड नंबर से ही किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर पता किया जा सकता है।


और सहयोग के लिए वीडियो देखें👇

क्रेडिट कार्ड क्या होते है? क्रेडिट कार्ड लेना अच्छा है या नहीं?

क्रेडिट कार्ड का प्रचलन दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है।  ऐसे में कुछ लोग क्रेडिट कार्ड के बारे में जानना चाहते हैं तो कुछ लोग यह जानना चाहते हैं कि क्रेडिट कार्ड रखना अच्छा होता है या बुरा।
      तो क्रेडिट कार्ड एक तरह से बैंकों के द्वारा दिया जाने वाला मंथली (हर महीने का) लोन है। जब कोई बैंक किसी व्यक्ति को क्रेडिट कार्ड प्रदान करता है तो कार्डधारक के पास पैसे न होने वह उस कार्ड का उपयोग कर सकता है, जैसे - खरीददारी करने में, बिल पेमेंट करने में। कुछ बैंक क्रेडिट कार्ड में एटीएम से कॅश निकलने की भी सुविधा देते है। 
     और कार्डधारक को उस क्रेडिट कार्ड से उपयोग किये गए धनराशि को भुगतान बैंक को अगले महीने एक निश्चित तारीख़ तक करना होता है। अगर वह व्यक्ति (कार्डधारक) तय तिथि तक उस कार्ड का पेमेंट नही कर पाता है तो हर दिन उसके बिल में दंड के तौर पर इजाफा होता जाता है। यह ब्याज दर बाकी ब्याज दरों के मुकाबले बहोत ज्यादा होता है। औसतन यह ब्याज दर कार्ड के बिल का 3% से 5% प्रतिमाह होता है जो 35% से 45% सालाना तक जा सकता है।
    इसके अलावे और भी कई तरह के प्रभार (शुल्क) लगे होते है, जैसे सालाना शुल्क, पुनः नवीकरण शुल्क, रद्दीकरण शुल्क इत्यादि। कुछ बैंक आपको कार्ड प्रदान करते समय छिपे शुल्कों के बारे में नही बताते और बिल भेजते समय आपके बिल में जोड़ देते है, इसलिए कोई भी क्रेडिट कार्ड अप्लाई करने से पहले उसके बारे में अच्छे से जान ले।
                क्योंकि क्रेडिट कार्ड एक लोन की तरह होता है इसलिए बैंक हर किसी को क्रेडिट कार्ड प्रदान नहीं करता। बैंक पहले यह सुनिश्चित करता है, कि जिस व्यक्ति को क्रेडिट कार्ड प्रदान किया जाएगा वह उसका भुगतान करने में सक्षम होगा या नहीं। इसके लिए बैंक व्यक्ति की आय के स्रोत, संपूर्ण सालाना कमाई इत्यादि की जांच करता है।  किसी तरह के लोन या क्रेडिट कार्ड के एप्लीकेशन में क्रेडिट स्कोर बहुत ज्यादा अच्छा होना चाहिए।
       अब अगर हम बात करें कि क्रेडिट कार्ड लेना अच्छा होता है या बुरा, तो हर व्यक्ति के लिए इसके अलग पहलू हो सकते हैं। अक्सर लोगों का कहना है कि क्रेडिट कार्ड लेने के बाद उनके खर्च और बढ़ जाते हैं। क्योंकि कई सारे बैंक क्रेडिट कार्ड में एक निश्चित सीमा तक खर्च करने पर उसकी सालाना शुल्क माफ कर देते हैं, इसलिए लोग ज्यादा से ज्यादा खर्च करके उस निश्चित सीमा को पार करना चाहते हैं और इससे लोगों का खर्च बढ़ जाता है। वहीं अगर आप उस सीमा तक खर्च नहीं कर पाते तो आपको सालाना शुल्क देना होता है
 तो वही जो लोग ज्यादा खर्च करते हैं उनके लिए क्रेडिट कार्ड रखना एक अच्छा विकल्प हो सकता है क्योंकि क्रेडिट कार्ड  से जो भी आप खरीदारी या भुगतान करते हैं उसके आपको पॉइंट्स या कैशबैक  दिए जाते हैं।

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बचत खाता (Saving account) और चालू खाता (current account) क्या है? इनमे क्या अंतर है?

 जब हम किसी एटीएम मशीन से पैसे निकालने जाते हैं तो वहां हमें  अक्सर 2 ऑप्शन देखने को मिलते हैं जहां एक तो बचत खाता (Saving account) और दुसरा चालू खाता (current account) में से कोई एक हमें चुनना होता है।  तो अगर हमें  इनके बीच का अंतर पता ना हो तो हम कई बार सोच में पड़ जाते हैं कि कौन सा ऑप्शन चुनें।
    तो जो हम आम लोगों के पास बैंक खाता होता है वह एक बचत खाता होता है।  बचत खाता में हम अपनी मर्जी के हिसाब से पैसे समय-समय पर जमा करते हैं, और जरूरत पड़ने पर निष्कासित भी कर लेते हैं। और जमा पैसो का हमें उसके हिसाब से ब्याज भी दिया जाता है।  पर यहां पर हमें पैसे जमा करने या निष्कासित करने के लिए हर महीने के हिसाब से कुछ  सीमा दी जाती है और अगर हम उस सीमा से ज्यादा लेनदेन करते हैं तो उसके लिए हमें  जुर्माने के तौर पर कुछ अधिक राशि देने होते हैं। बचत खाता में हमें हर महीने कम से कम एक तय की गई औसतन राशि रखनी होती है,  तो वही कुछ बचत खातों में  कोई भी औसतन राशि रखने की जरूरत नहीं होती
          वही चालू खाता वह लोग खुलवाते हैं जिनके पास कोई बिजनेस हो या पर कोई संगठन के हो। क्योंकि किसी बिजनेस या संगठन में किसी बैंक खाते से लेन देन बहुत ज्यादा होता है और अगर ऐसे में वह संगठन एक बचत खाता रखता है तो उसे पेनेल्टी ही बहुत ज्यादा देनी पड़ सकती है। लेकिन अगर वह संगठन एक बचत खाता रखता है तो इस खाते से वह महीने में चाहे कितनी बार भी लेनदेन कर सकता है चालू खाता में लेनदेन के लिए कोई सीमा नहीं दी जाती।  लेकिन चालू खाता में खाताधारक को उसके जमा राशि के ऊपर किसी प्रकार का कोई ब्याज भी नहीं दिया जाता।  और वही चालू खाता में हर महीने औसतन राशि बनाये रखने की सीमा बचत खाता के मुकाबले ज्यादा होती है।

कुछ  मुख्य अंतर नियम है:-

1. बचत खाता कोई आम नागरिक खुलवाता है, वही चालू खाता कोई बिजनेसमैन या संगठन खुलवाता है।

2. बचत खाता बचत राशि को रखने, किसी किसी को भेजने, या ऐसी ही कुछ मूलभूत बैंकिंग सेवाओ के लिए खोल जाता है , वही चालू खाता अधिक बैंकिंग लेनदेन के उद्देश्य से खोला जाता है।

3. बचत खाता में जमा राशि पर ब्याज दिया जाता है, वही चालू खाता में जमा राशि पर किसी प्रकार का ब्याज नहीं दिया जाता।

4. बचत खाता में महीने के कम से कम एक निश्चित राशि बनाए रखने की सीमा कम होती है तो कहीं नहीं होती है, वही चालू खाता में हर महीने कम से कम एक औसतन राशि बनाए रखने  की सीमा बचत खाता के मुकाबले ज्यादा होती है।

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Saturday, September 14, 2019

बैंकिंग में नॉमिनी (nominee) नाम क्या होता है? नॉमिनी का क्या नाम है? Banking me nominee kya hai?

 हमें बहुत सारे जगहों पर नॉमिनी ने पूछा जाता है जैसे जब हम कोई नया बैंक अकाउंट खुलवाते हैं, लोन लेते है, फिक्स्ड या रिकरिंग डिपॉजिट खाता खोलते हैं, म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते है या एलआईसी प्रीमियम लेते है,  तो आखिर यह नॉमिनी नाम क्या होता है और नॉमिनी नाम में हमें किसका नाम देना चाहिए।
     तो नॉमिनी नॉमिनल व्यक्ति के पश्चात उसके निवेश का मालिक या उत्तरदाई होता है। नॉमिनी इसलिए पूछा जाता है ताकि निवेशक को कुछ हो जाने के बाद या उसके मृत्यु के बाद उसके निवेश की गई संपत्ति को उसके नॉमिनी को दिया जा सके। 
    मान लीजिए हमने कहीं कुछ निवेश किया है और उस निवेश की अवधि पूर्ण होने पर हम किसी कारणवश उपलब्ध ना हो तो हमारा नॉमिनी उस निवेश की गई राशि को प्राप्त कर सकता है।
 नॉमिनी के तौर पर आप अपने किसी सगे संबंधी को रख सकते हैं जैसे भाई, बहन, माता, पिता, पति, पत्नी या कोई और। 
कुछ स्थानों पर नॉमिनी आवश्यक है तो कुछ स्थानों पर यह वैकल्पिक होता है।
 
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स्मार्टफोन में अपटाइम (uptime) क्या होता है?

  किसी डिवाइस में अप टाइम यह दर्शाता है, कि कितने समय से वह डिवाइस चालू है। इसके विपरीत डाउन टाइम यह दर्शाता है कि कितने समय से कोई डिवाइस बंद है। अप टाइम स्मार्टफोन के अलावे कंप्यूटर या अन्य डिवाइस में भी देखा जा सकता है।
    किसी स्मार्टफोन में अप टाइम की बात करें तो, हम स्मार्टफोन के अबाउट्स में जाकर देख सकते हैं कि, इस स्मार्टफोन का अप टाइम क्या है अगर मान ले उसका अप टाइम 4 घंटे 46 मिनट 50 सेकंड या ऐसा कोई भी समय है और यह लगातार बढ़ रहा है तो इसका मतलब यह होता है कि यह स्मार्टफोन इतने समय से लगातार चल रहा है। अगर कभी उस स्मार्टफोन को हम बंद करके फिर से चालू करे या रीस्टार्ट करे तो यह अपटाइम फिर से शून्य से स्टार्ट हो जाएगा।
अगर आप स्मार्ट फोन में अब टाइम चेक करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए निर्देशों  का पालन करें👇
1. सबसे पहले स्मार्टफोन के सेटिंग्स में जाए।



2. सेटिंग्स के अंदर अबाउट फ़ोन (about phone) में जाए।

3. अबाउट फोन के अंदर स्टेटस में जाए।


4. स्टेटस के अंदर आपको अब टाइम दिख जाएगा।

Google word coach क्या है?

गूगल वर्ड कोच (google word coach) एक मजेदार और आकर्षक तरीके से अंग्रेजी भाषा की शब्दावली का विस्तार करने में मदद करने के लिए बनाया गया एक खेल है। यह गैर-अंग्रेजी भाषी देशों में और भारत में भी लॉन्च किया गया है।
   गूगल वर्ड कोच अंग्रेजी भाषा के नए-नए शब्दों को सीखने में सहायता करता है।  गूगल वर्ड कोच खेलने के लिए आपको बस किसी ब्राउज़र में गूगल ओपन करने के बाद या सीधे गूगल एप ओपन करने के बाद सर्च करना होता है (google word coach) जिसके बाद आपके पास सर्च रिजल्ट में सबसे ऊपर गूगल वर्ड कोच का खेल दिखाई देगा जिसमें से आपको सही शब्द  चुनना होता है और इसके लिए आपको सही जवाब पर अंक दिए जाते हैं।  और इस तरह आप देख सकते हैं कि आपकी अंग्रेजी भाषा की शब्दावली कैसी है और साथ ही साथ आप नए-नए शब्द सीख सकते हैं।

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DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) पेमेंट क्या है? DBT (Direct Benefit Transfer) benefits kya hai?

DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) भारत सरकार द्वारा विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं जैसे एलपीजी सब्सिडी, मनरेगा भुगतान, वृद्धावस्था पेंशन, छात्रवृत्ति आदि का लाभ और सब्सिडी को सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में हस्तांतरित करने के लिए शुरू की गई योजना है। इस योजना से बिचोलियों से बचकर पैसा सीधा लाभार्थी के अकाउंट में आ जाता है। 
   किसी भी व्यक्ति का एक ही डीबीटी अकाउंट हो सकता है।  आप अपने अनुसार  किसी अकाउंट को डीबीटी अकाउंट बना सकते हैं या अगर आपके पास एक से ज्यादा अकाउंट है  और आपने किसी भी बैंक अकाउंट को डीबीटी अकाउंट नहीं बनाया है तो, अपने आप ही आपका एक अकाउंट डीबीटी के लिए सिलेक्ट कर लिया जाता है।  और आपके डीबीटी के सारे बेनिफिट्स उसी अकाउंट में भेजे जाते हैं। अगर आप जानना चाहते है के आपका कौनसा बैंक अकाउंट dbt के लिए चुना गया है तो आप आधार का ऑफिसियल वेबसाइट https://uidai.gov.in/ पर जााकर चेक कर सकते हैं।
     अगर आप जानना चाहते हैं कि डीबीटी बेनिफिट्स किन-किन स्कीम्स पर दिए जा रहे हैं या अब तक कितने का डीबीटी फंड ट्रांसफर किया जा चुका है तो यह सब आप https://dbtbharat.gov.in/ पर जा सकते है।  यहां आपको डीबीटी बेनिफिट्स के बारे में बहुत सारी जानकारी मिल जाएगी।


 
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Friday, September 13, 2019

फिक्स्ड डिपाजिट (FD) और रेकरिंग डिपाजिट (RD) क्या है? इसमें क्या अंतर है?

जब हम निवेश करने की सोचते हैं तो हमारे पास कई सारे विकल्प होते हैं जहां पर एक ओर हमें फिक्स्ड दडिपाजिट और रेकरिंग डिपाजिट का विकल्प मिलता है।  पर यहां पर कई सारे लोग असमंजस में होते हैं कि यह फिक्स डिपाजिट और रिकरिंग डिपॉजिट क्या होता है, इसमें क्या अंतर है और इसमें से हमें किस में निवेश करना चाहिए।
    तो जब हम कोई राशि एक साथ किसी निश्चित समय तक के लिए जमा करते हैं एक निश्चित रिटर्न के लिए तो, इसे फिक्स्ड डिपॉजिट या सावधि जमा कहते हैं। जिसमे आप सिर्फ एक बार ही निवेश करते है और एक निश्चित समय के बाद आपको एक निश्चित रिटर्न् मिलता है
        वहीं अगर हम कोई राशि एक निश्चित अंतराल पर एक निश्चित समय तक  एक निश्चित रिटर्न के लिए जमा करते हैं तो इसे रिकरिंग डिपॉजिट या आवर्ती जमा कहते हैं। इसमे हम राशि निश्चित अंतराल पर पर जमा करते जाते है, जैसे हर महीने या हर तीन महीने पर, और ऐसे हम एक निश्चित समय तक करते है जैसे 1 साल, 5 साल या 10 साल। और समय पूरा होने पर हमें हमारे निवेश के आधार पर एक निश्चित रिटर्न् मिलता है।
  फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में रिकरिंग डिपॉजिट का ब्याज दर थोड़ा कम होता है, पर ज़्यादातर लोग रिकरिंग डिपॉजिट को ही पसंद करते हैं क्योंकि इसमें एक निश्चित अवधि पर राशि जमा करना आसान होता है और रिटर्न भी लगभग फिक्स्ड डिपॉजिट जितना मिल ही जाता है।

व्हाट्सएप में ब्रॉडकास्ट फीचर क्या है? WhatsApp broadcast kya hai?

 व्हाट्सएप आज दुनिया का सबसे ज्यादा यूज किया जाने वाला इंस्टेंट मैसेजिंग एप है।  दुनिया में शायद ही कोई इंटरनेट यूज़र होगा जो व्हाट्सएप को यूज ना करता हो। तो व्हाट्सएप में हमें एक व्हाट्सएप ब्रॉडकास्ट का फीचर देखने को मिलता है और बहुत सारे लोग इसके बारे में नहीं जानते की इसका क्या और कैसे उपयोग करना है।
         दरअसल व्हाट्सएप में ब्रॉडकास्ट का फीचर इसलिए दिया गया है ताकि कोई यूजर एक साथ कई लोगो को पर्सनल मैसेज भेज सके बिना दूसरे मेंबर को बताए। इससे किसी मैसेज को एक साथ ढेर सारे लोगों तक पहुचाया जाता है बिना किसी ग्रुप के।
          बअगर हम कोई ग्रुप बनाते है तो उस ग्रुप में ऐड किये हुए सभी मेंबर एक दूसरे को देख सकते है के कितने और कौन कौन इस ग्रुप में है, ग्रुप में कोई भी मैसेज कर सकता है  और अगर चाहे एक दूसरे से बात भी कर सकते है । ग्रुप के सारे मैसेज को कोई भी ग्रुप मेंबर देख सकता है। इस तरह अगर हम कुछ देर सारे लोगो को कुछ पर्सनली कुछ सेंड करना चाहे तो ग्रुप को उपयोग नही कर सकते और इसी लिए इस जगह पर ब्रॉडकास्ट फीचर को यूज़ किया जाता है। जहाँ ब्रॉडकास्ट फीचर की मदद से आप ढेर सारे लोगो को एक साथ पर्सनली मेसेज भेज सकते है।
 व्हाट्सएप ब्रॉडकास्ट में हम एक साथ कई लोग को ब्रॉडकास्ट लिस्ट में ऐड कर देते है और फिर एक साथ किसी मेसेज को सबको सेंड कर देते है इससे सबकी प्राइवेसी भी बनी रहती है, सबको पर्सनल मैसेज भी चला जाता है और किसी को पता भी नही चलता के यह मैसेज कितने लोगों को और किन किन को भेजा गया है।
व्हाट्सएप ब्रॉडकास्ट (whatsapp broadcast) लिस्ट बनाने के लिए नीचे दिए गए निर्देशों को देखे।
1. अपने व्हाट्सएप एप्लिकेशन को ओपन करने के बाद ऊपर दाहिने कोने में 3 डॉट्स पर क्लीक करना है।

2. क्लीक करने के बाद आपको लिस्ट में से नई ब्रॉडकास्ट ऑप्शन पर क्लिक करना है।

3. इसके बाद आपके पास आपके कॉन्टैक्ट का लिस्ट खुल जायेगा जिसके आपको उन कॉन्टैक्ट को चुनना है जिन्हें आप ब्रॉडकास्ट मेसेज भेजना चाहते है।

4. कॉन्टेक्ट्स सुनने के बाद आपको क्रिएट ब्रॉडकास्ट पर क्लिक करना होगा जिसके बाद आपके पास एक ग्रुप जैसा बन जाएगा जिसमें आपके सारे कांटेक्ट होंगे जिन्हें आपने चुना था, और आप जो भी चाहे यहां उन सब को एक साथ ब्रॉडकास्ट मैसेज कर सकते हैं।

यह वीडियो आपकी मदद कर सकता है👇

खोये हुए या किसी भी एंड्रॉयड स्मार्टफोन का आई एम ई आई (IMEI) नम्बर कैसे पता करे?

अगर कभी हमारा फ़ोन खो जाता है और हम उसका कंप्लेन लिखवाने जाते है तो, हमे वहाँ हमारे उस खोये हुए फ़ोन का IMEI नंबर पूछा जाता है। अगर हमारे पास उस फ़ोन का बॉक्स है और उसपर IMEI नंबर है तो, आप वहाँ से देखकर बात सकते लेकिन अगर आपके पास बॉक्स या बिल भी नही है तो आप IMEI नंबर कहाँ से प्राप्त करेंगे?
    तो इसके लिए नीचे दिए गए निर्देशों को फॉलो करें,
1. किसी भी ब्राउज़र में जाकर गूगल में सर्च कर "Find my device/phone" इसके बाद सर्च रिज़ल्ट में से पहले या दूसरे नम्बर पर क्लिक करे।


2. इसके बाद आपसे आपके फ़ोन का जीमेल आईडी और पासवर्ड पूछा जाएगा, यहाँ आपको आपके उस फ़ोन का ईमेल और पासवर्ड डालना है जिसका imei no. आप पता करना चाहते है ( अगर आप उसी ईमेल से पहले से ही लॉगिन है तो आपको sign in का ऑप्शन नही आएगा)


3. साइन इन करते ही आपनो उस फ़ोन की बहोत सारि डिटेल्स मिल जाएगी, जैसे उस फ़ोन का लास्ट लोकेशन, अगर इंटरनेट चालू है तो उसका करंट लोकेशन, बैटरी परसेंटेज इत्यादि।

4. फ़ोन नाम के बगल में आपको एक "i" बटन दिखेगा जिसपर आपको क्लीक करना है इसके बाद आपको आपके उस फ़ोन का imei नम्बर आपके सामने होगा।

इसमे यह वीडियो आपकी सहायता करेगी👇

Thursday, September 12, 2019

गूगल का ads personalization ( व्यक्तिगत विज्ञापन) क्या है? Personalized ads कैसे रिमूव करें?

जब किसी व्यक्ति विशेष को बिना सोचे समझे किसी भी तरह के विज्ञापन दिखाए जाते हैं तो उसका उस व्यक्ति पर ज्यादा कुछ प्रभाव नहीं पड़ता इसी कारण हर व्यक्ति के लिए उसी के हिसाब से उनके रुचि  या दिलचस्पी से मिलता जुलता विज्ञापन दिखाया जाता है तो इस तरह के विज्ञापन को Personalized ads (व्यक्तिगत विज्ञापन) कहतै हैं।
     व्यक्तिगत विज्ञापन अब लगभग सभी कंपनियों की ओर से दिखाया जाता है चाहे वह गूगल, फेसबुक हो या कोई और कंपनी।
 क्योंकि ज्यादातर लोग एक Android phone उपयोग करते हैं और इस पर गूगल का ज्यादा कंट्रोल होता है तो हमे ज्यादातर Personalized ads ही  दिखाए जाते हैं।
          हमारे एंड्रॉयड स्मार्टफोन में इसकी सेटिंग्स देखनी है आपको तो फ़ोन के सेटिंग्स में जाए।


इसके बाद गुगल सेटिंग्स में जाये।

यहाँ आपको ads का ऑप्शन दिखाई देगा उसपर क्लिक करे।


और आप पहुँच गये। यहां आपको 4 ऑप्शन दिखाई देंगे जिसमे से हमने 3 को नंबर दिया है जहाँ
1. पर क्लिक करके आप advertisng ID को रिसेट कर सकते है जिसके बाद आपको अब तक के लिए व्यक्तिगत विज्ञापन नही दिखाई देगा। पर बाद में धीरे धीरे फिर से आपका व्यक्तित्व डाटा तैयार होने पर व्यक्तिगत विज्ञापन दिखया जाएगा जिसे आप फिर से यही से रिसेट कर सकेंगे।
2. यह एक ऑप्शन आपको दिया गया है अगर आप व्यक्तिगत विज्ञापन देखना पसंद नही करते तो आप इसे ऑन कर सकते है जिसके बाद आपको Personalized ads नही दिखाए जाएंगे।
3 यह आपका विज्ञापन पहचान होता है जो हर किसी की लिए अलग अलग होता है। जब आप no.1 advertising ID को रिसेट करते है तो आप देखेंगे यह नंबर्स भी बदल जायेगा।

यह वीडियो आपकी मदद करेगी इसे और बेहतर समझने में👇

किसी भी फ़ोन की डीटेल्स (all info)(specification) चेक कर IMEI नंबर की मदद से।

के बार हमारे पास कोई ऐसा फ़ोन आ जाता है जिसकी कुछ भी डिटेल्स हमे नही पता होती, तो आप कैसे पता पता करेंगे कि वह कौन सा कंपनी का फोन है और उसकी स्पेसिफिकेशन क्या है?
    तो यह सब जानने के लिए आपके पास बस उस फोन का आईएमईआई (IMEI) नंबर भी चाहिए। आईएमइआई नंबर की मदद से आप बहुत ही आसानी से ऑनलाइन किसी भी फोन की सारी डिटेल्स चेक कर सकते हैं। 
     अगर आपको उस फोन का आईएमईआई नंबर नहीं पता तो आप अपनी फोन की सेटिंग में जाकर अबाउट फोन में, फोन का आईएमइआई नंबर चेक कर सकते हैं या  उस फोन से डायल करे *#06# और आपके फोन के स्क्रीन पर आपको आपका फोन का आईएमईआई नंबर दिखाई देगा।
       IMEI नंबर प्राप्त करने के बाद आपको एक वेबसाइट विजिट करना है  www.imei.info | वेबसाइट में आपको आई एम ई आई नंबर पूछा जाताा है वहां आईएमइआई नंबर डालकर  "I am not a robot" पर क्लिक करें। 


इसके बाद जब आप थोड़ा नीचे देखेंगे तो आपको आईएमईआई नंबर के फोन की सारी डिटेल्स मिल जाएगी।


गूगल अकाउंट से कांटेक्ट को रिस्टोर कैसे करें?

कई बार जब हम नया फ़ोन खरीदते है और पुराने फ़ोन का जरूरी कॉन्टैक्ट नंबर नही मिल पाता तो बहोत परेशान हो जाते है। वही अगर आपके पास पुराने फ़ोन का जीमेल अकॉउंट उस नए फ़ोन में भी है तो अप्प बहोत आसानी से अपने पुराने सारे कॉन्टैक्ट को प्राप्त कर सकते है।
1. इसके लिए आपको अपने फोन के सेटिंग्स में जाना है।

 2. सेटिंग्स में जाने के बाद गूगल में जाना है।

3. गूगल सेटिंग्स को खोलने के बाद रिस्टोर कॉन्टैक्ट (Restore contact) में जाना है।

4. इसके बाद आपको डिवाइस का ऑप्शन दिखाई देगा जितने डिवाइस में आपने उसे गूगल अकाउंट को उसे किया है और, किस डिवाइस में आपके कितने कॉन्टैक्ट गूगल में सिंक हुए है। उसमें से आपके पुराने फ़ोन को सेलेक्ट करे।

और अंत मे बस रिस्टोर (Restore) पर क्लिक कर दे। इससे आपके फ़ोन में बैकग्राउंड में कॉन्टैक्ट रिस्टोर होने लगेंगे।



यह वीडियो इसमे आपकी सहायता करेगी👇

BHIM UPI भीम यूपीआई को बिना इंटरनेट के कैसे यूज़ करें?

 क्या आप जानते हैं, आप भीम यूपीआई (BHIM UPI) को बिना इंटरनेट के यूज कर सकते हैं?  इसके लिए आपको भीम यूपीआई रजिस्टर्ड नंबर से *99 #डायल करना होगा,  और फिर स्क्रीन पर दिए गए निर्देशों का पालन करें।  इसमें आपको यूपीआई लेन देन, प्रोफाइल  चेंज करना, बैलेंस चेक करना, बैंक चेंज करना , यूपीआई पिन चेंज करना जैसी लगभग सभी यूपीआई फैसिलिटी मिल जाती है। 

इसमें से आपको बस आपकी आवश्यकता अनुसार आपका ट्रांजैक्शन सुनना है और फिर बस आपका यूपीआई पिन डालकर आप बहुत ही आसानी से अपना यूपीआई ट्रांजैक्शन कंप्लीट कर सकते हैं।

 अगर आपका बैंक से लिंक किया हुआ मोबाइल नंबर यूपीआई में रजिस्टर नहीं है तो, पहले आपको इसे रजिस्टर करना होगा इसके लिए भी आप *99# डायल करके बिना किसी इंटरनेट के रजिस्टर कर सकते हैं बस आपको मोबाइल स्क्रीन पर दिए गए इंस्ट्रक्शन को फॉलो करते जानाहै।

Wednesday, September 4, 2019

किसी भी फोटो के पृष्ठभूमि ( बैकग्राउंड ) को तुरंत कैसे हटाए? Kisi bhi photo ke background ko turant kaise hataye?

 किसी भी फोटो बैकग्राउंड को हम कुछ ही सेकंड में बहुत ही आसानी से हटा सकते हैं। इसके लिए हमारे पास दो तरीके हैं जहां पर एक तो ऑनलाइन और दूसरा ऑफलाइन है।
      किसी भी फोटो बैकग्राउंड को ऑनलाइन रिमूव करने के लिए सबसे अच्छा वेबसाइट है www.remove.bg |इस वेबसाइट पर आप किसी फोटो को अपलोड करके सिर्फ 5 सेकंड में उसके बैकग्राउंड को हटा सकते हैं। और यह वेबसाइट बिल्कुल फ्री है।

 और यही काम अगर आप ऑफलाइन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एक इमेज बैकग्राउंड रिमूवर एप डाउनलोड करना होगा जो बहुत आसानी से एप्स स्टोर या प्ले स्टोर पर मिल जाता है। और इस ऐप की मदद से आप बहुत ही आसानी से बिना किसी इंटरनेट कनेक्शन के इमेज बैकग्राउंड को रिमूव कर सकते हैं।  अप्प के अंदर आपको थोड़ा मुश्किल लग सकता है क्योंकि वहां मैनुअल और ऑटो का अलग-अलग ऑप्शन है।  तो आप ऑटो मोड को सेलेक्ट करे।


Sunday, September 1, 2019

ऑनलाइन शॉपिंग या ऑफलाइन शॉपिंग कोनसा बेहतर है?

कुछ वस्तुओं की खरीद के लिए ऑनलाइन जाना बेहतर होता है तो वही कुछ वस्तुओं के लिए खुद से स्टोर पर जाकर खरीदना बेहतर होता है। 
अगर हम कुछ ऐसी वस्तुएं खरीद रहे हैं जिसका मूल्य तय है जैसे कोई स्मार्टफोन ले तो इसके लिए हमें ऑनलाइन जाना बेहतर होगा। जहां पर हमें इसकी  निर्धारित कीमत पर ही यह स्मार्टफोन मिल जाएगा या तो फिर हो सकता है कि हमें कोई ऑफर या डिस्काउंट भी इस पर मिल जाए।  अगर हम वही स्मार्टफोन कोई नजदीकी दुकान से खरीदते हैं तो वह स्मार्टफोन हमें अपनी निर्धारित कीमत से कुछ ज्यादा कीमत पर ही मिलता है।  इसका कारण है कि फैक्टरी से शॉप तक लाने का और उसे स्टोर करने का और शॉपकीपर का मार्जिन भी जोड़ दिया जाता है।
     वहीं अगर हम बात करते हैं कुछ और वस्तुएं की जैसे कपड़े, जूते चप्पल, खिलौने, ज्वेलरी इत्यादि तो इन सब  वस्तुओं की कीमत अगर आप ऑनलाइन मार्केट और ऑफलाइन मार्केट में तुलना करते हैं तो ऑफलाइन मार्केट के मुकाबले ऑनलाइन मार्केट में इनकी कीमतें आपको ज्यादा देखने को मिलती है।  क्योंकि इनका मूल्य निर्धारित नहीं होता है।
        तो इस तरह हम कह सकते हैं कि हमें कभी भी खरीदारी करने से पहले एक बार ऑफलाइन मार्केट और ऑनलाइन मार्केट की  मूल्यों की तुलना कर लेनी चाहिए।

खोए हुए कांटेक्ट को वापस कैसे लाएं? गूगल कॉन्टैक्ट्स बैकअप और रिस्टोर कैसे करे? Khoye hue contacts ko wapas kaise laye? Google contacts backup or restore kaise karen?

   अगर किसी एंड्राइड फोन में कांटेक्ट को हमेशा के लिए सुरक्षित करके रखना है, तो इसके लिए सबसे बेहतर तरीका है, गूगल कांटेक्ट के अंदर उसका बै...