जब हम किसी एटीएम मशीन से पैसे निकालने जाते हैं तो वहां हमें अक्सर 2 ऑप्शन देखने को मिलते हैं जहां एक तो बचत खाता (Saving account) और दुसरा चालू खाता (current account) में से कोई एक हमें चुनना होता है। तो अगर हमें इनके बीच का अंतर पता ना हो तो हम कई बार सोच में पड़ जाते हैं कि कौन सा ऑप्शन चुनें।
तो जो हम आम लोगों के पास बैंक खाता होता है वह एक बचत खाता होता है। बचत खाता में हम अपनी मर्जी के हिसाब से पैसे समय-समय पर जमा करते हैं, और जरूरत पड़ने पर निष्कासित भी कर लेते हैं। और जमा पैसो का हमें उसके हिसाब से ब्याज भी दिया जाता है। पर यहां पर हमें पैसे जमा करने या निष्कासित करने के लिए हर महीने के हिसाब से कुछ सीमा दी जाती है और अगर हम उस सीमा से ज्यादा लेनदेन करते हैं तो उसके लिए हमें जुर्माने के तौर पर कुछ अधिक राशि देने होते हैं। बचत खाता में हमें हर महीने कम से कम एक तय की गई औसतन राशि रखनी होती है, तो वही कुछ बचत खातों में कोई भी औसतन राशि रखने की जरूरत नहीं होती
वही चालू खाता वह लोग खुलवाते हैं जिनके पास कोई बिजनेस हो या पर कोई संगठन के हो। क्योंकि किसी बिजनेस या संगठन में किसी बैंक खाते से लेन देन बहुत ज्यादा होता है और अगर ऐसे में वह संगठन एक बचत खाता रखता है तो उसे पेनेल्टी ही बहुत ज्यादा देनी पड़ सकती है। लेकिन अगर वह संगठन एक बचत खाता रखता है तो इस खाते से वह महीने में चाहे कितनी बार भी लेनदेन कर सकता है चालू खाता में लेनदेन के लिए कोई सीमा नहीं दी जाती। लेकिन चालू खाता में खाताधारक को उसके जमा राशि के ऊपर किसी प्रकार का कोई ब्याज भी नहीं दिया जाता। और वही चालू खाता में हर महीने औसतन राशि बनाये रखने की सीमा बचत खाता के मुकाबले ज्यादा होती है।
कुछ मुख्य अंतर नियम है:-
1. बचत खाता कोई आम नागरिक खुलवाता है, वही चालू खाता कोई बिजनेसमैन या संगठन खुलवाता है।
2. बचत खाता बचत राशि को रखने, किसी किसी को भेजने, या ऐसी ही कुछ मूलभूत बैंकिंग सेवाओ के लिए खोल जाता है , वही चालू खाता अधिक बैंकिंग लेनदेन के उद्देश्य से खोला जाता है।
3. बचत खाता में जमा राशि पर ब्याज दिया जाता है, वही चालू खाता में जमा राशि पर किसी प्रकार का ब्याज नहीं दिया जाता।
4. बचत खाता में महीने के कम से कम एक निश्चित राशि बनाए रखने की सीमा कम होती है तो कहीं नहीं होती है, वही चालू खाता में हर महीने कम से कम एक औसतन राशि बनाए रखने की सीमा बचत खाता के मुकाबले ज्यादा होती है।
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तो जो हम आम लोगों के पास बैंक खाता होता है वह एक बचत खाता होता है। बचत खाता में हम अपनी मर्जी के हिसाब से पैसे समय-समय पर जमा करते हैं, और जरूरत पड़ने पर निष्कासित भी कर लेते हैं। और जमा पैसो का हमें उसके हिसाब से ब्याज भी दिया जाता है। पर यहां पर हमें पैसे जमा करने या निष्कासित करने के लिए हर महीने के हिसाब से कुछ सीमा दी जाती है और अगर हम उस सीमा से ज्यादा लेनदेन करते हैं तो उसके लिए हमें जुर्माने के तौर पर कुछ अधिक राशि देने होते हैं। बचत खाता में हमें हर महीने कम से कम एक तय की गई औसतन राशि रखनी होती है, तो वही कुछ बचत खातों में कोई भी औसतन राशि रखने की जरूरत नहीं होती
वही चालू खाता वह लोग खुलवाते हैं जिनके पास कोई बिजनेस हो या पर कोई संगठन के हो। क्योंकि किसी बिजनेस या संगठन में किसी बैंक खाते से लेन देन बहुत ज्यादा होता है और अगर ऐसे में वह संगठन एक बचत खाता रखता है तो उसे पेनेल्टी ही बहुत ज्यादा देनी पड़ सकती है। लेकिन अगर वह संगठन एक बचत खाता रखता है तो इस खाते से वह महीने में चाहे कितनी बार भी लेनदेन कर सकता है चालू खाता में लेनदेन के लिए कोई सीमा नहीं दी जाती। लेकिन चालू खाता में खाताधारक को उसके जमा राशि के ऊपर किसी प्रकार का कोई ब्याज भी नहीं दिया जाता। और वही चालू खाता में हर महीने औसतन राशि बनाये रखने की सीमा बचत खाता के मुकाबले ज्यादा होती है।
कुछ मुख्य अंतर नियम है:-
1. बचत खाता कोई आम नागरिक खुलवाता है, वही चालू खाता कोई बिजनेसमैन या संगठन खुलवाता है।
2. बचत खाता बचत राशि को रखने, किसी किसी को भेजने, या ऐसी ही कुछ मूलभूत बैंकिंग सेवाओ के लिए खोल जाता है , वही चालू खाता अधिक बैंकिंग लेनदेन के उद्देश्य से खोला जाता है।
3. बचत खाता में जमा राशि पर ब्याज दिया जाता है, वही चालू खाता में जमा राशि पर किसी प्रकार का ब्याज नहीं दिया जाता।
4. बचत खाता में महीने के कम से कम एक निश्चित राशि बनाए रखने की सीमा कम होती है तो कहीं नहीं होती है, वही चालू खाता में हर महीने कम से कम एक औसतन राशि बनाए रखने की सीमा बचत खाता के मुकाबले ज्यादा होती है।
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