कुछ वस्तुओं की खरीद के लिए ऑनलाइन जाना बेहतर होता है तो वही कुछ वस्तुओं के लिए खुद से स्टोर पर जाकर खरीदना बेहतर होता है।
अगर हम कुछ ऐसी वस्तुएं खरीद रहे हैं जिसका मूल्य तय है जैसे कोई स्मार्टफोन ले तो इसके लिए हमें ऑनलाइन जाना बेहतर होगा। जहां पर हमें इसकी निर्धारित कीमत पर ही यह स्मार्टफोन मिल जाएगा या तो फिर हो सकता है कि हमें कोई ऑफर या डिस्काउंट भी इस पर मिल जाए। अगर हम वही स्मार्टफोन कोई नजदीकी दुकान से खरीदते हैं तो वह स्मार्टफोन हमें अपनी निर्धारित कीमत से कुछ ज्यादा कीमत पर ही मिलता है। इसका कारण है कि फैक्टरी से शॉप तक लाने का और उसे स्टोर करने का और शॉपकीपर का मार्जिन भी जोड़ दिया जाता है।
वहीं अगर हम बात करते हैं कुछ और वस्तुएं की जैसे कपड़े, जूते चप्पल, खिलौने, ज्वेलरी इत्यादि तो इन सब वस्तुओं की कीमत अगर आप ऑनलाइन मार्केट और ऑफलाइन मार्केट में तुलना करते हैं तो ऑफलाइन मार्केट के मुकाबले ऑनलाइन मार्केट में इनकी कीमतें आपको ज्यादा देखने को मिलती है। क्योंकि इनका मूल्य निर्धारित नहीं होता है।
तो इस तरह हम कह सकते हैं कि हमें कभी भी खरीदारी करने से पहले एक बार ऑफलाइन मार्केट और ऑनलाइन मार्केट की मूल्यों की तुलना कर लेनी चाहिए।
अगर हम कुछ ऐसी वस्तुएं खरीद रहे हैं जिसका मूल्य तय है जैसे कोई स्मार्टफोन ले तो इसके लिए हमें ऑनलाइन जाना बेहतर होगा। जहां पर हमें इसकी निर्धारित कीमत पर ही यह स्मार्टफोन मिल जाएगा या तो फिर हो सकता है कि हमें कोई ऑफर या डिस्काउंट भी इस पर मिल जाए। अगर हम वही स्मार्टफोन कोई नजदीकी दुकान से खरीदते हैं तो वह स्मार्टफोन हमें अपनी निर्धारित कीमत से कुछ ज्यादा कीमत पर ही मिलता है। इसका कारण है कि फैक्टरी से शॉप तक लाने का और उसे स्टोर करने का और शॉपकीपर का मार्जिन भी जोड़ दिया जाता है।
वहीं अगर हम बात करते हैं कुछ और वस्तुएं की जैसे कपड़े, जूते चप्पल, खिलौने, ज्वेलरी इत्यादि तो इन सब वस्तुओं की कीमत अगर आप ऑनलाइन मार्केट और ऑफलाइन मार्केट में तुलना करते हैं तो ऑफलाइन मार्केट के मुकाबले ऑनलाइन मार्केट में इनकी कीमतें आपको ज्यादा देखने को मिलती है। क्योंकि इनका मूल्य निर्धारित नहीं होता है।
तो इस तरह हम कह सकते हैं कि हमें कभी भी खरीदारी करने से पहले एक बार ऑफलाइन मार्केट और ऑनलाइन मार्केट की मूल्यों की तुलना कर लेनी चाहिए।
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