Sunday, December 29, 2019

इस तरह बचा सकते हैं हर ऑनलाइन शॉपिंग पर पैसे। Is Tarah bacha sakte hain Har online shopping per paise।


दोस्त ऑनलाइन शॉपिंग तो आप सभी करते होंगे। ऑनलाइन शॉपिंग करना हमें बहुत पसंद होता है, क्योंकि इसमें कई सारे प्रोडक्ट्स हमें ऑफलाइन मार्केट से ज्यादा सस्ते मिल जाते हैं और कुछ प्रोडक्ट जो हमें ऑफलाइन मार्केट में बहुत सारी जगहों पर ढूंढना पड़ता है वह ऑनलाइन बहुत आसानी से और घर बैठे मिल जाता है। तो आज यहां आपको हम बताने वाले हैं कि कैसे आप अपने किसी भी ऑनलाइन खरीददारी पर पैसे बचा सकते हैं। और अपने ही नहीं, अगर आप किसी और के लिए भी किसी प्रोडक्ट को खरीदते हैं तो उस पर भी आपको बचत होगी।
इसके लिए एक वेबसाइट  EarnKaro.com पर अपना एक एकाउंट बनाना होगा। और जो कुछ भी आप ऑनलाइन किसी भी वेबसाइट से खरीदेंगे वह आपको इसके द्वारा ही खरीदना होगा।  ऐसा करने पर आपको हर प्रोडक्ट के लिए उसका एक निश्चित कमीशन आपको दिया जाता है। जो आप EarnKaro से जब भी चाहे अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवा सकते हैं।  तो चलिए आगे देखते हैं, कैसे किसी इकॉमर्स वेबसाइट के प्रोडक्ट को EarnKaro के द्वारा खरीदते हैं।
1.  किसी भी वेबसाइट जैसे Amazon, Flipkart, Snapdeal, Myntra  पर अपना प्रोडक्ट सर्च कीजिए जिसे आप खरीदना चाहते हैं।
2. प्रोडक्ट चुन लेने के बाद उसके नीचे आपको एक शेयर करने का ऑप्शन मिल जाएगा जिस पर क्लिक करें।

3. शेयर पर क्लिक करते ही आपके पास बहुत सारे ऑप्शन मिल जाते हैं जिसमें से आपको कॉपी लिंक पर क्लिक करना है और यहां से आपको लिंक कॉपी कर लेना है।

4. अब आपको EarnKaro में जाना है।  यहां आपको make profit link का एक ऑप्शन मिलेगा, उसपर क्लिक करना है।

5.  अब यहां आपको उस लिंक को पेस्ट करना है जिसे आपने उस शॉपिंग वेबसाइट से कॉपी किया था।  लिंक पेस्ट करने के बाद आपको नीचे मेक प्रॉफिट लिंक पर क्लिक कर देना है।


6.  ऐसा करते ही आपके पास एक नया लिंक आ जाएगा। आप इस लिंक को चाहे तो यहां से सीधे व्हाट्सएप में शेयर कर सकते हैं या इसका लिंक कॉपी कर सकते हैं और कहीं भी पेस्ट करके किसी को भी शेयर कर सकते हैं।

अब इस लिंक के द्वारा जो कुछ भी खरीदा जाएगा उसका कमीशन आपको मिलता जाएगा। ध्यान रहे कई बार ई-कॉमर्स वेबसाइट से किसी प्रोडक्ट का लिंक कॉपी करते समय कुछ प्रोडक्ट का नाम और डिटेल भी आ जाता है। तो आपको EarnKaro पर लिंक पेस्ट करते समय सिर्फ उस प्रोडक्ट का लिंक ही पेश करना है। अगर आप प्रोडक्ट की डिटेल और लिंक दोनों साथ में पेस्ट कर देते हैं तो यह लिंक इनवेलिड बताया जाएगा।
EarnKaro के द्वारा बनाए गए किसी भी प्रॉफिट लिंक के द्वारा अगर किसी तरह का खरीदारी होता है, तो इसकी डिटेल आपको EarnKaro के अंदर my Earnings में दिखाया जाएगा।
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आशा करता हूं आपको अच्छे से समझा पाया हूँ।  और सहायता के लिए वीडियो देखें।👇


अपने किसी भी पुराने फोन को बेचने से पहले जरूर करें यह काम। Apne Kisi bhi purane Phone ko Bechne se pahle Jarur Karen yah kam।


जब भी हम एक नया फोन लेना चाहते हैं तो, अपने पुराने फोन को अपने किसी रिश्तेदार को दे देते हैं या तो फिर ऑनलाइन किसी वेबसाइट पर किसी अनजान व्यक्ति को बेच देते हैं।  लेकिन क्या आप जानते हैं अपने किसी पुराने फोन को किसी अनजान व्यक्ति को बेचने से पहले उसने से हमें कैसे अपनी सारी पुरानी डाटा को हटाना है?  कई लोग ऐसे हैं जो अपने पुराने फोन को किसी अनजान को बेचने से पहले सिर्फ एक बार फोन को फॉर्मेट कर देते हैं और फिर वह उसे दे देते हैं।  ऐसा करना  बहुत खतरनाक साबित हो सकता है।
जैसा कि आप और हम जानते हैं आज बाजार में कई सारे ऐसे सॉफ्टवेयर उपलब्ध है जिसकी मदद से किसी भी फोन या कंप्यूटर का डिलीट किया गया डाटा रिकवर किया जा सकता है। और अगर आप अपने किसी पुराने फोन को सिर्फ एक बार फॉर्मेट करके किसी को दे देते हैं तो अगर वह चाहे तो आपके द्वारा डिलीट किए गए डाटा को वापस से रिकवर कर सकता है और उसका दुरुपयोग कर सकता है। अगर आपका निजी फोटो वीडियो या बैंकिंग जानकारी किसी अनजान व्यक्ति के हाथ लग जाती है, तो आपके  साथ फ्रॉड किया जा सकता है, या किसी और तरह की परेशानी हो सकती है।
  इसलिए जरूरी है किसी पुराने फोन को किसी अनजान के पास भेजने से पहले उस फोन में से सारे पर्सनल डाटा को रिमूव किया जाए।  चलिए जानते हैं कैसे किसी फोन से किसी डाटा को हमेशा के लिए रिमूव किया जा सकता है।
  जब किसी फोन में किसी फाइल को डिलीट किया जाता है तो वह उसी जगह होता है, बस जगह खाली हो जाता है और वह उस जगह दिखाई नहीं देता। और वह तब तक रहता है जब तक कोई दूसरा फ़ाइल आकर उसे ओवरराईट ना कर दे।
  तो आपको अपने फ़ोन से सारी डेटा हमेशा के लिए हटाने के लिए सबसे पहले अपने फ़ोन को फॉरमेट (factory data reset) करना है।  इसके बाद जब आप अपने फोन को ऑन करेंगे तो इसमें वापस बहुत सारे फाइल ऑडियो वीडियो आपको वापस भरने होंगे।  और कम से कम उतना स्टोरेज वापस भरना होगा जितना अपने फॉर्मेट करने से पहले उपयोग किया था।  ध्यान रहे आप दूसरी बात जो भी फाइल फॉरमैट उस फोन में भरेंगे वह आपका निजी नहीं हो।  आप यहां पर कोई मूवी गाने वगैरा भर सकते हैं।  जब आपका स्टोरेज भर जाए तो आप उस फोन को फिर से फॉर्मेट कीजिए।  और ऐसा अगर आप एक बार और कर सकते हैं तो कीजिए।  ऐसा अगर आप फोन को फॉर्मेट करने के बाद वापस उसमें अनचाहे फाइल फोटोस वगैरह डालकर उसे फॉर्मेट करते हैं, तो आपका जो निजी सबसे पहले वाला डाटा होता है वह उसे ओवरराइट कर देता है, और जब कोई आपके डेटा को रिस्टोर करना चाहता है तो उसे वहाँ दूसरा या तीसरा बार डाला गया डाटा ही मिल पाता है।
   मतलब आपको अपने किसी पुराने फोन को किसी अनजान के पास बेचने से पहले उस फोन को रिसेट करना है, फिर उसे ऑन कर के बहुत सारे अनजान फाइल फॉर्मेट को उसमें भरना है, और फिर से फॉर्मेट करना है। ऐसे एक दो बार कर देने के बाद आपका निजी डेटा रिकवर करना बहुत मुश्किल हो जाता है।
  
आशा करता हूं आपको अच्छे से समझा पाया हूं। और सहायता के लिए नीचे वीडियो देखें।👇


किसी विंडोज कंप्यूटर में फ़ाइल के फॉरमेट को कैसे बदले? Kisi windows PC main file format ko kaise change Karen?


पिछले पोस्ट में जैसे आपको बताया है एंड्रॉयड फ़ोन में अगर आप किसी फ़ाइल को फॉरमेट एक्सटेंशन के साथ रीनेम कर देते है तो तो उस फ़ाइल का फॉरमेट बदल जाता है। पर विंडोज़ सिस्टम में फ़ाइल को फॉरमेट एक्सटेंशन के साथ सिर्फ रीनेम करने से इसका फॉरमेट नही बदलता। इसके लिए पहले कंप्यूटर सिस्टम में में कुछ सेटिंग्स बदलने पड़ते है। तो चलिए देखते है कैसे किसी विंडोज पिसी में फ़ाइल फॉरमेट को बदल सकते है।
1. सबसे पहले आपको अपने पिसी में सर्च करके खोल लेना है control panel। 

2. control panel में आपको appearance and personalization के ऑप्शन पर क्लिक करना है।

3. अब यहा आपको file explorer option में जाना है।

4. यहाँ आप देखेंगे तो जनरल (general) में होंगे यहा से आपको view पर जाना है।

5. यहाँ आपको बहुत सारे बॉक्सेस देखेंगे जिसमे से आपको hide extension for known file types वाले बॉक्स को ढूंढना है।

6. और फिर hide extension for known file types के सामने वाले बॉक्स में से टिक (√) को हटा देना है। या बॉक्स को अनचेक कर देना है।

7. इसके बाद अप्लाई (apply) और फिर ओक (ok) पर क्लिक कर देना है।

8. अब आप जिस फ़ाइल के फॉरमेट को बदलना चाहते है उस फ़ाइल को चुने और इसे रीनेम (Rename) करे। रीनेम करते समय बस आपको उस फ़ाइल के फॉरमेट एक्सटेंशन को बदल देना है जैसे अगर आप किसी mp4 को mp3 में बदलना चाहते है तो जहां उसका नाम name.mp4 होगा उसे बदलकर name.mp3 कर देना है। यहा आप txt, jpg, img, vga, किसी भी फॉरमेट को किसी और फॉरमेट में बदल सकते है। जैसे jpg को img में।

9.  फ़ाइल को रीनेम करने के बाद आपको एंटर (enter) करना है। एंटर दबाते ही एक पॉपअप आएगा इसे yes कर देना है। और आपके फ़ाइल का फॉरमेट बदल जाएगा।

आपको बस एक बार विंडोज पिसी में यह सेटिंग करनी होती है जिसके बाद आप बस फ़ाइल को रीनेम करने उसका फॉरमेट बदल सकेंगे। अगर आपको वापस पुरानी सेटिंग्स में जाना है तो hide extension for known file types वाले बॉक्स को वापस चेक (√) करके सेव कर देना है।
आशा करता हूं आपको अच्छे से समझा पाया हूँ।  और सहायता के लिए नीचे वीडियो देखें।👇


किसी एंड्रॉइड फ़ोन में फ़ाइल फॉरमेट को कैसे बदले? Kisi Android phone hai file format ko kaise change Karen?


किसी एंड्रॉयड फ़ोन में किसी फ़ाइल फॉरमेट को बदलना बहुत आसान है। इसके लिए गूगल प्ले स्टोर पर भी के सारी अप्प्स उपलब्ध है। पर आज हम जानेंगे के कैसे हम बिना किसी और एप्लिकेशन के फ़ाइल फॉरमेट को बदल सकते है। यह आप mp4 से mp3 या mp3 से mp4, VGA, img, jpg, txt जैसे किसी फ़ाइल के फॉरमेट को बदल सकते है। इसके लिए नीचे दिए गए निर्देशो को देखे।
1. सबसे पहले अपने फ़ोन में फ़ाइल मैनेजर को खोल ले।

2. अब फ़ाइल मैनेजर में से उसे फ़ाइल को सेलेक्ट करे जिसका फॉरमेट आपको बदलना है।

3. इसके बाद more पर जाए।

4. यहाँ आपको रीनेम (Rename) पर क्लिक करना है।

5. अब आप उस फ़ाइल का जो भी नाम रखना चाहते है उसे लिखे और बस अंत में आपको डॉट (.) देकर फ़ाइल के फॉरमेट को लिख देना है जिस भी फॉरमेट में आप उसे बदलना चाहते है।
जैसे अगर आपको उसे mp3 बनाना है तो फ़ाइल नाम के बाद .mp3 लिखना होगा (उदाहरण- name.mp3)। वही अगर कोई फ़ोटो को jpg में बदलन है तो name.jpg हो जाएगा।


याद रहे अगर आप किसी वीडियो फॉरमेट को ऑडियो में बदलते है तो, वह ऑडियो फॉरमेट में प्ले होगा। परंतु अगर आप किसी ऑडियो फॉरमेट को वीडियो में बदलते है तो वहा वह फ़ाइल विडियो फॉरमेट में प्ले तो होगा पर किसी तरह के वीडियो आपको नही दिखेगा। लेकिन वही अगर आप वीडियो को ऑडियो में बदलने के बाद फिर से वीडियो में बदल देते है तो वापस से आपको वीडियो देखने मिल जाएगा।

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Saturday, December 28, 2019

बैंकिंग फ़्रॉड से बचने के लिए हमेशा याद रखे यह 10 बातें। Banking fraud se bachne ke 10 jaruri upay.


जैसे-जैसे डिजिटल लेंन-देन बढ़ रहा है वैसे ही बैंकिंग फ़्रॉड भी बढ़ते जा रहे है। और अगर आज के दौर में अगर हम सतर्क न रहे और सावधानी से काम न ले तो कभी भी हमारे साथ फ़्रॉड हो सकता है। इसलिए आगे हम 10 कुछ ऐसे बातों को बताने जा रहे है जिसे अगर आप ध्यान रखते है तो आपके साथ सायद कभी बैंकिग फ्रॉड नही होगा।
1. कभी भी कोई कस्टमर केअर नंबर या हेल्पलाइन नम्बर सीधे गूगल पर न ढूंढे। - आजकल जो न्यूज़ आ रही है उसमे ज्यादार फ़्रॉड फर्जी हेल्पलाइन नम्बर वाले है। इसमे क्या होता है की, हम किसी भी अप्प या वेबसाइट का हेल्पलाइन नम्बर सीधे जाकर गूगल पर या ऐसे ही कही सर्च कर लेते है, और जो भी नम्बर सामने आया उसे हम सही नम्बर मानकर उसपर कॉल करके अपनी सारी डिटेल्स बात देते है। और इससे हमारे साथ फ्रॉड हो जाता है। इसलिए कभी भी अगर आपको किसी अप्प या वेबसाइट का हेल्पलाइन नम्बर तो आप उसे अप्प या वेबसाइट में ही ढूंढें ना की कही बाहर। और मिलने पर कन्फर्म करले की यही सही नंबरहै फिर कॉल करे। और कॉल कर लेने पर भी कभी किसी के साथ फोनपर गोपनीयजानकारी साझा न करें।
2.  हमेशा एक अलग और स्ट्रांग (मजबूत) पासवर्ड चुने। -  जब हमें बैंकिंग में यूजरनाम और पासवर्ड चुनने के लिए कहा जाता है, तो कई सारे लोग कोई भी एक साधारण से पासवर्ड चुन लेते है। कई सारे लोग तो आपने सोशल मीडिया अकॉउंटक में उपयोग किये जाने वाले पासवर्ड ही बैंकिंग में रख लेते है, जो बहोत खतरनाक है। सबसे पहले तो सिंपल साधारण पासवर्ड का अगर कोई पता लगा लेता है तो आप अपने एकाउंट में पड़ी राशि खो सकते है। और अगर आपने एक जटिल पासवर्ड रखा है, पर वही पासवर्ड रखा है, जो आपने सोशल मीडिया में उपयोग किया है, तो भी आप अपने एकाउंट में पड़ी राशि खो सकते है। अक्सर आपने सुना होगा कई सारे सोशल मीडिया अकॉउंट के पासवर्ड समय-समय पर लीक हो जाते है। इसलिए यह जरूरी है की आप जो भी पासवर्ड इंटरनेट बैंकिंग के लिए उपयोग करेंगें वह बाकी सारे एकाउंट से अलग और जटिल होना चाहिए।
3. अगर UPI का उपयोग करतेहै तक पहले इसे अच्छे से जान ले। - UPI (Unified Payment Interface) आने के बाद इससे होने वाले फ्रॉड बढ़ते ही जा रहे है। UPI का उपयोगकरना या इसे किसी अप्प में इंटीग्रेटे करना आसान है, इसलिए आज UPI आधारित कई सारे पैमेंट अप्प उपलब्ध है। वही दूसरी ओर जो लोग पहली बार UPI का उपयोग करने आते है उन्हें नही पता होता अप्प के बारे में ठीक से और कोई फ्रॉडस्टर पैसे देने के बहाने उल्टा यूजर के एकाउंट से पैसे ले जाता है। इसमे फ्रॉडस्टर कहता है की हम आपको UPI से पैसे भेज रहे है आप अपने UPI अप्प को खोलकर उसे एक्सेप्ट कीजिये या पाय के विकल्प पर क्लिक किनिये और अपना पिन डालिये। और जब कोई यूजर ऐसा कर देता है तो उनके साथ फ्रॉड हो जाता है।   इसलिए UPI अप्प का उपयोग करने से पहले उसे अच्छे से जान ले की इसमे पैसे कैसे भेजे जाते है और अगर कोई पैसे भेजता है तो कैसे आता है इत्यादि। वैसे आपको बता दु की अगर आपको कोई UPI के द्वारा पैसे भेजता है तो इसके लिए आपको कुछ भी करने की जरूरत नही है। बस आपको आपका UPI रजिस्टर मोबाइल नम्बर या UPI Id देना होता है और अगर के उसमे पैसे भेजता है तो अपने आप ही बैंक में आ जाते है। इसलिए याद रहे कभी भी पैसे किसी से लेने के लिए UPI नही डालना पड़ता है।
4. कभी किसी के भी साथ गोपनीय जानकारी जैसे OTP, CVV, ATM pin, UPI pin इत्यादि साझा न करे। - इसमे मुझे लगता है आपको ज्यादा समझने की जरूरत नही है। कभी भी अपनी गोपनीय बैंक की जानकारी किसी के साथ साझा न करे। कोई अगर कॉल कर कहता है की वह बैंक से बात कर रहा है तो भी इस तरह की जानकारी प्रदान नही करनी।
5. ऑनलाइन बैंकिंग के लिए हमेशा एक सुरक्षित डिवाइस का उपयोग करे। -  अगर आप इंटरनेट बैंकिंग को किसी अलग-अलग डिवाइस में लॉगिन करते हैं तो आपको ध्यान रखना है कि आप जिस डिवाइस में इंटरनेट बैंकिंग को यूज कर रहे हैं वह एक सुरक्षित डिवाइस हो।  कई बार हम अपने इंटरनेट बैंकिंग को किसी ऐसे डिवाइस में लॉगिन कर लेते हैं जो वायरस या मालवेयर से इनफेक्टेड होता है। और जब हम इस तरह के डिवाइस में अपने इंटरनेट बैंकिंग को लॉगिन करते हैं तो हमारा यूजर नेम और बैंकिंग पासवर्ड हैक होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि आप जिस किसी डिवाइस ने भी अपने इंटरनेट बैंकिंग को लॉगिन कर रहे हैं वह एक सुरक्षित डिवाइस हो।
6.  कोशिश करें बैंकिंग में उपयोग होने वाले ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर जितना कम हो सके उतने कम लोगों तक शेयर करें। -  कई बार हमारा बैंकिंग में उपयोग किया जाने वाला ईमेल आईडी या मोबाइल नंबर किसी फ्रॉडस्टर के हाथ लग जाता है तो वह ओटीपी बायपास करके लॉग इन करने की कोशिश करता है या किसी और तरह के फ्रॉड हो सकते हैं। इसलिए हो सके तो बैंकिंग में उपयोग किया जाने वाला मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी अपने लोगों तक ही सीमित रखें। इससे बैंकिंग फ्रॉड से बचने में काफी सहायता मिलेगी।
7.  कभी किसी अनजान लिंक के द्वारा या किसी अनजान वेबसाइट पर ऑनलाइन पेमेंट ना करें। - आपको हमेशा ध्यान रखना है कि आप कभी भी किसी अनजान लिंक पर क्लिक ना करें। और ना ही किसी अनजान वेबसाइट पर ऑनलाइन पेमेंट करें क्योंकि यहां से आपकी पेमेंट डिटेल चोरी होने की संभावना होती है। कई बार फ्रॉडस्टरस आपको एक छोटा सा पेमेंट करने के लिए कहते हैं किसी करना से भी और इसके लिए आपको एक ऑनलाइन लिंक भेजा जाता है। अगर आप इस लिंक पर क्लिक करके कोई पेमेंट कर देते हैं, तो इसके बाद आपकी पेमेंट डिटेल उस हैकर के पास चली जाती है और इसके बाद आपके मर्जी के बिना भी हैकर के द्वारा आपके बैंक से पैसे निकल लिए जाते है।  तो आप हमेशा ध्यान रखें की जो वेबसाइट पॉपुलर नहीं है या किसी अनजान लिंक पर क्लिक करके पेमेंट ना करें।
8. इंटरनेट बैंकिंग को लॉगिन करने से पहले  यह जांच कर ले कि वह एक सही वेबसाइट है या नहीं। -  कई बार जब किसी बैंक का वेब पेज गूगल पर ढूंढा जाता है तो सर्च रिजल्ट में एक वेबसाइट सामने आ जाते हैं। और अगर यूजर इस वेबसाइट पर अपना बैंकिंग यूजर नेम और पासवर्ड डालकर लॉगइन करना चाहता है तो उसकी बैंकिंग की लॉगइन की सारी जानकारी उस फर्जी वेबसाइट वाले हैकर के पास चली जाती है। इसलिए  कभी भी इंटरनेट बैंकिंग लॉगिन करने से पहले सही URL की जाँच कर ले या हमेशा ऑनलाइन बैंकिंग मे लॉगिन करने के लिए खुद से पूरा यूआरएल टाइप करें या असली URL को बुकमार्ककरके रख ले और हमेशा बुकमार्कसे ही खोले।
9.  कभी भी कहीं इंटरनेट बैंकिंग यूजर नेम, पासवर्ड या एटीएम पिन, यूपीआई पिन लिखकर ना रखें। - OTP, CVV, ATM pin, UPI pin यह सब बैंकिंग के लिए बहोत गोपनीय जानकारी है, इसलिए कभी इन्हें कही लिखकर न रखे।
10. ATM से पैसे निकलने या इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करने के लिए कभी किसी अनजान व्यक्ति की सहायता न ले। - कई सारी घटनाएं ऐसी सामने आई है जिसमे अगर कोई व्यक्ति पैसे निकलने के लिए किसी अनजान व्यक्ति की सहायता लेता है तो ऐसे में वही अनजान व्यक्ति उसे ठग लेता है। तो कभी सहायता करने के नाम पर अपने एकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर लेता है। तो इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए कभी ATM से पैसे निकलने या मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करने में किसी अनजान की मदद न ले।
11. Bonus point -  अगर आप अपने डिवाइस में स्क्रीन शेयरिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं तो सतर्क रहें। क्योंकि अगर किसी हैकर ने इस सॉफ्टवेयर को सिर्फ हैक कर लिया तो उनके पास आपकी बैंकिंग सारी डिटेल चली जाएगी जो कुछ भी आप अपने डिवाइस में करेंगे। अगर आपको इस सॉफ्टवेयर का उपयोग करना अति आवश्यक ना हो तो इन्हें अपने उस डिवाइस में इंस्टॉल ना करें जिसमें आप इंटरनेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करते हैं।
तो यह है कुछ टिप्स जिन्हें अगर आप ध्यान रखते हैं तो आपके साथ बैंकिंग फ्रॉड नहीं होगा। आशा करता हूं इस पोस्ट में आपके सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होंगे और सहायता के लिए नीचे वीडियो देखें👇


Friday, December 27, 2019

इन्कॉग्निटो मोड या प्राइवेट मोड क्या है? क्या इन्कॉग्निटो और वीपीएन में क्या अंतर है? Incognito mode ya private mode kya hai? incognito aur VPN mein kya antar hai?


जब हम कोई ब्राउज़र खोलते है या अगर यूट्यूब अप्प, गुगल मैप्स खोलते है तो इन सारे एप्लिकेशन में हमे इंकॉग्नितो मोड का ऑप्शन मिल जाता है। अब जिनको इसके बारे में पता है वो तो बहोत आसानी से इसे यूज़ करते है। पर जिन्हें नही पता वो सोचते है पता नही यह ऑप्शन भी क्यों दिया गया है। वही कुछ लोग इसे जानते भी है तो गलत तरीके से, क्योंकि वो इसे एक vpn समझ लेते है।
दोस्तों आज के समय में इनकॉग्निटो मोड को लेकर कई सारे लोगों के मन में मिथ है की, इंकॉग्नितो मोड ऑन कर लेने के बाद कोई भी हमे ट्रैक नही कर पायेगा या कोई भी नही देख पायेगा की हमने इंटरनेट पर कुछ गतिविधि की है। परंतु ऐसा नही है। इंकॉग्नितो मोड में जाने के बाद आपकी गतिविधियों को सिर्फ सेव नही किया जाता है लेकिन अगर कोई चाहे जैसे आपकी ISP (internet service provider) चाहे तो बहोत आसानी से पता लगा सकती है की आप ने इंटरनेट पर इंकॉग्नितो मोड में क्या कुछ किया है।
इंकॉग्नितो मोड ऑन करने के बाद आप जो कुछ भी वहां एक्टिविटी करेंगे बस उसे सेव नही किया जाएगा इंकॉग्नितो मोड का सिर्फ इतना ही काम होता है।
जैसे एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं कि हम कोई एक ऐसा वेबसाइट विजिट करना चाहते हैं जिसके बारे में किसी को पता ना लगे, तो इसके लिए हमें उस वेबसाइट को विजिट करने के बाद उसकी उसकी हिस्ट्री डेटा और कुकीज़ को  जाकर अपने से डिलीट करना होता है। परंतु यही काम अगर हम इनकॉग्निटो मॉड में जाकर करते हैं तो हमें हिस्ट्री डाटा और कुकीज़ डिलीट करने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि इनकॉग्निटो मॉड में इसे सेव ही नहीं किया जाता।
वहीं अगर हम वीपीएन की बात करते हैं तो यह एक अलग चीज़ है।  जहां इंकॉग्नितो मोड मैं कुछ भी  एक्टिविटी करने पर उसे सेव नहीं किया जाता था परंतु अगर हमारी ISP (internet service provider) चाहे तो उसे देख पाती थी,  लेकिन VPN में ऐसा नही है। अगर हम वीपीएन को यूज़ करते हुए कोई भी एक्टिविटी करते हैं किसी ब्राउज़र में तो इसे उस वीपीएन प्रोवाइडर के अलावा और कोई ट्रैक नहीं कर पाता यहां तक कि हमारी ISP भी नहीं।
परंतु वीपीएन यूज करते हुए अगर आपने अपने ब्राउज़र में इनकॉग्निटो मॉड ऑन नहीं किया है, तो फिर वहां हिस्ट्री सेव हो जाती है। अगर आप चाहते हैं कि आप जो विजिट करें वह आपके ब्राउज़र में भी सेव ना हो और आपके ISP को भी पता ना चले तो इसके लिए आपको इनकॉग्निटो मॉड और VPN दोनों को एक साथ उपयोग करना होगा।
  VPN आपको free और paid भी मिल जाएंगे। परंतु कुछ फ्री VPN इतने सेफ नही होते।
आशा करता हूं आप समझ गए होंगे इनकॉग्निटो मॉड क्या है, और यह किस तरह VPN से अलग है।
और सहायता के लिए नीचे वीडियो देखें👇👇



Wednesday, December 25, 2019

किसी सिओमी के फोन में व्हाट्सएप स्टेटस डाऊनलोड करे बिना किसी दूसरेएप्लिकेशन के। kisi xiaomi phone mein WhatsApp status download Karen Bina Kisi third party application ke.


दोस्तों क्या आपको पता है कि आप अगर कोई सिओमी (xiaomi) का स्मार्टफोन यूज करते हैं तो, आपको किसी व्हाट्सएप स्टेटस को डाउनलोड करने या अपने फ़ोन की गैलरी में सेव करने के लिए किसी दूसरे (थर्ड पार्टी) एप्लीकेशन की जरूरत नहीं है। वैसे तो व्हाट्सएप स्टेटस को डाऊनलोड करने के लिए गूगल प्ले स्टोर पर कई सारे अप्प्स उपलब्ध है।
तो चलिए जानते है कैसे हम किसी सिओमी फ़ोन में व्हाट्सअप स्टेटस को बिना किसी दूसरे अप्प्स के डाऊनलोड कर सकते है।
1. अपने xiaomi फ़ोन में फ़ाइल मैनेजर अप्प को खोले।

2. फ़ाइल मैनेजर में से व्हाट्सएप के आइकॉन पर क्लिक करे

3. अब यहाँ आपको पहले ऑप्शन पर जाना है, जो की एक डाऊनलोडिंग का आइकॉन बना है।

4. यहाँ आपको Cache और downlods दो ऑप्शन दिखेंगे। इसमे cache वही डेटा (विडियो और फोटोज) है जिसे आपने किसी के व्हाट्सएप स्टेटस में देखा था। याद रहे यहां से कसी के व्हाट्सएप स्टेटस को डाऊनलोड करने के लिए जरूरी है के आप पहले व्हाट्सएप में उस स्टेटस को एक बार जरूर देख ले, तभी वह स्टेटस यह दिखाई देगा।

5. अब अगर आपको इसमे से किसी भी व्हाट्सएप स्टेटस को डाऊनलोड करना है तो बस उस वीडियो या फ़ोटो के दाहिने निचले कोने में बने डाउन एरो पर क्लिक कर दे।

6. arrow पर क्लिक करते ही वह वीडियो या फ़ोटो cache से हटकर डाऊनलोडस अंदर आ जाता है।
और इस तरह वह व्हाट्सएप स्टेटस हमेशा के लिए (जब तक आप खुद से डिलीट न करे) सेव हो जाता है।

आशा करता हूं आपको समझ आ गया होगा। और अच्छे से समझने के लिए नीचे दिए गए वीडियो को देखें👇👇



पहली बार कोई कंप्यूटर सिस्टम लेने से पहले यह जान ले। Pehli bar Koi computer system Lene se pahle yah Jaan le.


दोस्तों जब कोई यूजर पहली बार कंप्यूटर सिस्टम लेने जाता है तो,  वहां उसके पास बहुत सारी कन्फ्यूजन होती है जैसे : 1. एक लैपटॉपले या एक डेस्कटॉप ले?
2. कंप्यूटरले तो आल इन वन (all in one) कंप्यूटरले या मॉनिटरके साथ एक अलग से CPU ले?
3. CPU ऑनलाइन Redymade ले या शॉप पर जाकर खुद से  एसेम्बल करवाये इत्यादि।
             तो आज के इस पोस्ट में हम आपके इन्हीं तीन कन्फ्यूजन को दूर करने की कोशिश करेंगे।
1)सबसे पहले तो आपको यह देखना है कि आप किस मकसद से कंप्यूटर सिस्टम लेना चाहते हैं। अगर आपके लिए उस कंप्यूटर सिस्टम को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना अति आवश्यक हो, और आप यह काम  किसी एक जगह पर स्थिर रहकर नहीं कर सकते तो इस स्थिति में आपको एक लैपटॉप लेना चाहिए। क्योंकि लैपटॉप को आप कहीं भी ले जा सकते हैं।
लेकिन वहीं अगर आपको लगता है कि आप एक जगह पर रहकर डेस्कटॉप पर भी अपना काम कर सकते है, और अगर थोड़ा बहुत काम जो बाहर लैपटॉप पर करना होता है उसे मैनेज करके डेस्कटॉपपर कर सकते है तो आपको एक डेस्कटॉपही लेना चाहिये।  
अगर हम कीमत की तुलना करते हैं तो, जिस कीमत पर हमें एक लैपटॉप प्राप्त होता है उसी कीमत पर अगर हम कोई डेस्कटॉप ले तो यह उस लैपटॉप से कई गुना बेहतर होगा। दूसरी तरफ एक लैपटॉप में कार्य करने की अवधि, एक डेस्कटॉप के मुकाबले बहुत काम होती है। और अगर कंप्यूटर सिस्टममें कोई दिक्कत आती है तो लैपटॉप में डेस्कटॉपके मुकाबले ज्यादा खर्च आता है।
2)  अब अगर आपने एक लैपटॉप लेना तय किया है तो यहां भी आपके पास दो ऑप्शन दो विकल्प आते हैं। जिसमें से पहला विकल्प होता है कि आप एक ऑल इन वन कंप्यूटर ले और वहीं दूसरी और आपके पास विकल्प होता है कि आप एक मॉनिटर के साथ CPU अलग से ले।   तो यहां आपके लिए ऑल इन वन कंप्यूटर के साथ जाने से बेहतर होगा कि आप एक मॉनिटर के साथ CPU अलग से ले। अगर आपके ऑल इन वन कंप्यूटर लेते हैं तो फिर आपको वही लैपटॉप वाली दिक्कतें आ सकती हैं जैसा कि आपको ऊपर बताया था।  all in one कंप्यूटर सस्ती कीमतों पर मिल जाती है परंतु इसकी परफॉर्मेंस काम होती है और रिपेयरिंग लागत अधिक होती है अलग से CPU वाले कंप्यूटर के मुकाबले।
3) अब अगर आप ने तय किया है कि आप अलग से एक सीपीयू खरीदेंगे तो यहां  भी आपके पास दो ऑप्शन आते हैं, पहला आप इसे ऑनलाइन खरीदें या दूसरा ऑप्शन आप एक सीपीयू खुद दुकान पर जाकर असेंबल करवाएं। तो इस स्थिति में किसी CPU को एक शॉप पर जाकर खुद से देखकर अपने पसंद के हार्डवेयर लगवाना एक समझदारीपूर्ण फैसला होगा। अगर आप कोई CPU ऑनलाइन ख़रीदते है तो पहली बात की आपको सबकुछ आपके हिसाब से नही मिलेगा और दूसरा आपको कीमत ज्यादा चुकानी पड सकती है। आगर आप कोई CPU शॉप पर 15 हजार में असेंबल करवाते है तो वही हार्डवेयर ऑनलाइन आपको लगभग 20 हजार तक में मिल सकता है।

आशा करता हूं आपके सभी प्रश्नों के उत्तर इस पोस्ट में मिल गए होंगे।  और सहायता के लिए नीचे वीडियो देखें👇👇



Tuesday, December 24, 2019

अगर बैंक डूब जाए तो हमारे पैसो का क्या होगा? Agar bank doob jaye to humare paiso ka kya hoga?

दोस्तों कई बार हमारे मन में सवाल आता है, कि अगर हमारा बैंक हमारे पैसे लेकर भाग जाए या वह बैंक डूब जाए जिसमें हमने पैसे जमा किए हैं, तो हमारे पैसों का क्या होगा?  और हमारा कितना पैसा आरबीआई ( Reserve Bank of India ) की तरफ से सुरक्षित होगा?
  तो जैसा की हम जानते है भारत के अंतर्गत संचालित किए जाने वाले सभी बैंक आरबीआई के अंतर्गत आते हैं, और आरबीआई का इन पर पूरा कंट्रोल होता है। जब कोई बैंक अस्तित्व में आता है तो सबसे पहले तो उसे एक निश्चित राशि आरबीआई को देनी होती है। इसके बाद, चाहे वह पब्लिक सेक्टर बैंक हो या प्राइवेट सेक्टर बैंक, उसका आधा या आधा से अधिक शेयर सरकार के पास होता है।
  इसके अलावा जब कोई  ग्राहक किसी बैंक में अपना खाता खुलवा आता है तो, उस बैंक को अपने उस ग्राहक के लिए एक इंश्योरेंस करवाना होता है। और यह इंश्योरेंस DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) के अंतर्गत होता है। DICGC, RBI की एक fully owned सब्सिडिरी है। DICGC  के अंतर्गत जब कोई बैंक किसी ग्राहक के लिए इंश्योरेंस करवाता है, तो बैंक को वहां प्रत्येक ग्राहक के लिए 1 लाख रुपए का इंश्योरेंस करवाना होता है।  और जब बैंक में किसी तरह की आर्थिक तंगी आती है, बैंक डूब जाता है या किसी और तरह  की परेशानी के वजह से अगर बैंक अपने ग्राहक को पैसे अदा करने में असमर्थ हो जाता है तो, यहाँ DICGC (परोक्ष रूप से आरबीआई) ग्राहक को 1 लाख रुपये तक की राशि प्रदान करता है।
  इस तरह हम कह सकते हैं कि अगर बैंक डूब जाए तो हमारा 1 लाख रुपये तक का पैसा आरबीआई के पास सुरक्षित होता है।
 
  अब यहां आपके मन में कई सारे सवाल उठ रहे होंगे, जैसे अगर किसी का जॉइंट अकाउंट है तो उसका क्या? अगर किसी व्यक्ति का अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग अकाउंट है तो उसको कितना पैसा मिलेगा?
      1) अगर आपके एक बैंक के अंदर 1 लाख रुपये तक या उससे कम की राशि जमा है तो आपको पूरे पैसे मिल जाएंगे परंतु अगर उस बैंक में आपका 1 लाख रुपये से ज्यादा की राशि जमा है तो भी आपको 1 लाख रुपये तक की ही राशि मिल पाएगी।
      2)  अगर एक ही व्यक्ति के कई सारे अकाउंट अलग-अलग बैंकों में हैं तो हर बैंक के तरफ से उस व्यक्ति के लिए डीआईसीजीसी के अंतर्गत 1 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस होता है। मतलब जितने भी बैंकों में अकाउंट होंगे उन सभी बैंकों के तरफ से किसी व्यक्ति के लिए एक इंश्योरेंस 1 लाख रुपये का किया जाएगा।
      3)  अगर किसी एक बैंक में एक ही अकाउंट किसी दो व्यक्ति का जॉइंट अकाउंट है तो, इस स्थिति में उस बैंक को उन दोनों व्यक्तियों के लिए डीआईसीजीसी के अंतर्गत अलग अलग एक एक लाख रुपये का इंश्योरेंस करवाना अनिवार्य होगा।  इस तरह इस स्थिति में एक ही अकाउंट के लिए दो लाख रुपये सुरक्षित हो जाते हैं।

 आशा करता हूं आपके सभी प्रश्नों के उत्तर इस पोस्ट में मिल गए होंगे।  और सहायता के लिए नीचे वीडियो देखें👇👇

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