जब हम कोई ब्राउज़र खोलते है या अगर यूट्यूब अप्प, गुगल मैप्स खोलते है तो इन सारे एप्लिकेशन में हमे इंकॉग्नितो मोड का ऑप्शन मिल जाता है। अब जिनको इसके बारे में पता है वो तो बहोत आसानी से इसे यूज़ करते है। पर जिन्हें नही पता वो सोचते है पता नही यह ऑप्शन भी क्यों दिया गया है। वही कुछ लोग इसे जानते भी है तो गलत तरीके से, क्योंकि वो इसे एक vpn समझ लेते है।
दोस्तों आज के समय में इनकॉग्निटो मोड को लेकर कई सारे लोगों के मन में मिथ है की, इंकॉग्नितो मोड ऑन कर लेने के बाद कोई भी हमे ट्रैक नही कर पायेगा या कोई भी नही देख पायेगा की हमने इंटरनेट पर कुछ गतिविधि की है। परंतु ऐसा नही है। इंकॉग्नितो मोड में जाने के बाद आपकी गतिविधियों को सिर्फ सेव नही किया जाता है लेकिन अगर कोई चाहे जैसे आपकी ISP (internet service provider) चाहे तो बहोत आसानी से पता लगा सकती है की आप ने इंटरनेट पर इंकॉग्नितो मोड में क्या कुछ किया है।
इंकॉग्नितो मोड ऑन करने के बाद आप जो कुछ भी वहां एक्टिविटी करेंगे बस उसे सेव नही किया जाएगा इंकॉग्नितो मोड का सिर्फ इतना ही काम होता है।
जैसे एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं कि हम कोई एक ऐसा वेबसाइट विजिट करना चाहते हैं जिसके बारे में किसी को पता ना लगे, तो इसके लिए हमें उस वेबसाइट को विजिट करने के बाद उसकी उसकी हिस्ट्री डेटा और कुकीज़ को जाकर अपने से डिलीट करना होता है। परंतु यही काम अगर हम इनकॉग्निटो मॉड में जाकर करते हैं तो हमें हिस्ट्री डाटा और कुकीज़ डिलीट करने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि इनकॉग्निटो मॉड में इसे सेव ही नहीं किया जाता।
वहीं अगर हम वीपीएन की बात करते हैं तो यह एक अलग चीज़ है। जहां इंकॉग्नितो मोड मैं कुछ भी एक्टिविटी करने पर उसे सेव नहीं किया जाता था परंतु अगर हमारी ISP (internet service provider) चाहे तो उसे देख पाती थी, लेकिन VPN में ऐसा नही है। अगर हम वीपीएन को यूज़ करते हुए कोई भी एक्टिविटी करते हैं किसी ब्राउज़र में तो इसे उस वीपीएन प्रोवाइडर के अलावा और कोई ट्रैक नहीं कर पाता यहां तक कि हमारी ISP भी नहीं।
परंतु वीपीएन यूज करते हुए अगर आपने अपने ब्राउज़र में इनकॉग्निटो मॉड ऑन नहीं किया है, तो फिर वहां हिस्ट्री सेव हो जाती है। अगर आप चाहते हैं कि आप जो विजिट करें वह आपके ब्राउज़र में भी सेव ना हो और आपके ISP को भी पता ना चले तो इसके लिए आपको इनकॉग्निटो मॉड और VPN दोनों को एक साथ उपयोग करना होगा।
VPN आपको free और paid भी मिल जाएंगे। परंतु कुछ फ्री VPN इतने सेफ नही होते।
दोस्तों आज के समय में इनकॉग्निटो मोड को लेकर कई सारे लोगों के मन में मिथ है की, इंकॉग्नितो मोड ऑन कर लेने के बाद कोई भी हमे ट्रैक नही कर पायेगा या कोई भी नही देख पायेगा की हमने इंटरनेट पर कुछ गतिविधि की है। परंतु ऐसा नही है। इंकॉग्नितो मोड में जाने के बाद आपकी गतिविधियों को सिर्फ सेव नही किया जाता है लेकिन अगर कोई चाहे जैसे आपकी ISP (internet service provider) चाहे तो बहोत आसानी से पता लगा सकती है की आप ने इंटरनेट पर इंकॉग्नितो मोड में क्या कुछ किया है।
इंकॉग्नितो मोड ऑन करने के बाद आप जो कुछ भी वहां एक्टिविटी करेंगे बस उसे सेव नही किया जाएगा इंकॉग्नितो मोड का सिर्फ इतना ही काम होता है।
जैसे एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं कि हम कोई एक ऐसा वेबसाइट विजिट करना चाहते हैं जिसके बारे में किसी को पता ना लगे, तो इसके लिए हमें उस वेबसाइट को विजिट करने के बाद उसकी उसकी हिस्ट्री डेटा और कुकीज़ को जाकर अपने से डिलीट करना होता है। परंतु यही काम अगर हम इनकॉग्निटो मॉड में जाकर करते हैं तो हमें हिस्ट्री डाटा और कुकीज़ डिलीट करने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि इनकॉग्निटो मॉड में इसे सेव ही नहीं किया जाता।
वहीं अगर हम वीपीएन की बात करते हैं तो यह एक अलग चीज़ है। जहां इंकॉग्नितो मोड मैं कुछ भी एक्टिविटी करने पर उसे सेव नहीं किया जाता था परंतु अगर हमारी ISP (internet service provider) चाहे तो उसे देख पाती थी, लेकिन VPN में ऐसा नही है। अगर हम वीपीएन को यूज़ करते हुए कोई भी एक्टिविटी करते हैं किसी ब्राउज़र में तो इसे उस वीपीएन प्रोवाइडर के अलावा और कोई ट्रैक नहीं कर पाता यहां तक कि हमारी ISP भी नहीं।
परंतु वीपीएन यूज करते हुए अगर आपने अपने ब्राउज़र में इनकॉग्निटो मॉड ऑन नहीं किया है, तो फिर वहां हिस्ट्री सेव हो जाती है। अगर आप चाहते हैं कि आप जो विजिट करें वह आपके ब्राउज़र में भी सेव ना हो और आपके ISP को भी पता ना चले तो इसके लिए आपको इनकॉग्निटो मॉड और VPN दोनों को एक साथ उपयोग करना होगा।
VPN आपको free और paid भी मिल जाएंगे। परंतु कुछ फ्री VPN इतने सेफ नही होते।
आशा करता हूं आप समझ गए होंगे इनकॉग्निटो मॉड क्या है, और यह किस तरह VPN से अलग है।
और सहायता के लिए नीचे वीडियो देखें👇👇
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