Saturday, August 29, 2020

किसी कार्ड में MII, IIN, BIN या चेक डिजिट क्या होते है?

 आज लगभग हर किसी के पास किसी ना किसी तरह के कार्ड उपलब्ध होते हैं। और उन कार्ड पर कुछ नंबर भी अंकित होते हैं। पर यहां ज्यादातर लोगों को यह लगता है, कि उन नंबर में उनकी निजी जानकारी और अकाउंट की डिटेल होती है परंतु ऐसा नहीं है। किसी कार्ड के ऊपर अंकित अंको में बहुत सारी जानकारी होती है, जो हम आपको आगे बताने वाले हैं। 

किसी भी कार्ड का पहला एक या दो अंक MII (major industry identifier या  प्रमुख उद्योग पहचानकर्ता) होता है।  इन 2 अंकों के अंदर पहचान की जाती है कि जारी किया गया कार्ड किस कार्य के लिए उपयोग में आने वाला कार्ड है। यहां अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग नंबर दिए जाते हैं, जैसे अगर कोई  हवाई जहाज कंपनी कोई कार्ड अपने ग्राहकों को देता है, तो इन कार्ड के ऊपर जो नंबर दिए जाते हैं उनका शुरुआती अंक एक या दो से शुरू होता है।
  कुछ और कार्ड के शुरुआती नंबर और उससे संबंधित कंपनियां  निम्न है
  1 -  हवाई कंपनियां
  2 - वित्तीय और अन्य भविष्य के उद्योग का काम
  3 -  यात्रा और मनोरंजन
  4 , 5 -  बैंकिंग और वित्तीय
  6 -  व्यापारिक और बैंकिंग वित्तीय
  7 -  पेट्रोलियम और भविष्य  उद्योग के कम
  8 -   स्वास्थ्य, दूरसंचार एवं अन्य
  इत्यादि
  ...........

अब MII के  बाद हम जानेंगे IIN या BIN के बारे में। तो यहां पहले अंक से लेकर छठे अंक तक जो भी अंक दिए होते हैं, वे IIN या BIN होते है। जहां IIN का मतलब है - issuer  identification number और BIN का  Bank identification number.  और ये अंक यह सुनिश्चित करते है की किसके द्वारा यह कार्ड जारी किया गया है। जैसे कार्ड जारी करने वाला अलग-अलग कोई बैंक हो सकता है तो यहां इनके बारे में जानकारी होती है।
   इसके बाद शुरुआती के 6 अंक और अंतिम के 1 अंक को छोड़कर बीच के जो भी बचे अंक होते हैं उसमें उस कार्डधारक की निजी जानकारी जैसे बैंक और पेमेंट डिटेल्स इत्यादि उपलब्ध होती है।
  और आखिर में कार्ड के अंतिम के 2 अंक चेक डिजिट या चेकसम होते हैं, जिनके द्वारा सुनिश्चित किया जाता है कि कार्ड के दिए गए सभी जानकारी अंक और डिटेल सही है या नहीं।

किसी भी कार्ड का पहला एक या दो अंक MII (प्रमुख उद्योग पहचानकर्ता) होता है, जहां कार्ड में पहले 6 अंक  IIN या BIN (जारीकर्ता पहचान संख्या) होते है।  IIN संख्याओं के बाद अंतिम एक अंक को छोड़कर कार्ड संख्या में खाता या ग्राहक विवरण होते हैं।  और एक कार्ड में अंतिम दो संख्याओं में चेकसम या चेक अंक होते हैं।

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Tuesday, August 25, 2020

बढ़ रहे हैं फर्जी रिचार्ज एप्लीकेशन और वेबसाइट। नकली रिचार्ज कमीशन एप्लीकेशन या वेबसाइट से ऐसे बचें। Badh rahe hain farji recharge application aur website. Fake recharge commission application yah website se aise bache.

 आज कई सारे ऐसे लोग हैं, जो अपने दुकान से रिचार्ज करके पैसे कमा रहे हैं, और इसके लिए वह अलग-अलग तरह के एप्लीकेशन या वेबसाइट का उपयोग करते हैं। कुछ लोग अपने दोस्त-परिवार के रिचार्ज के लिए भी इन एप्लीकेशन और वेबसाइट का उपयोग करते हैं, क्योंकि यहां हर रिचार्ज पर कुछ कमीशन दिया जाता है।


परंतु अब यहां भी बड़े स्तर पर फ्रॉड किये जा रहे है। एक तो फर्जीवाड़ा मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए किया जा रहा है। कुछ फर्जी मोबाइल रिचार्ज एप्लीकेशन बनाए जाते हैं, जिनमें अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए शुरुआती स्तर पर अधिक कमीशन दिया जाता है जिसके कारण कई सारे लोग इससे जुड़ते हैं और फिर कुछ दिनों बाद जब लोग इस एप्लीकेशन में अधिक पैसे अपने वॉलेट में जोड़ने लगते हैं, तब यह एप्लीकेशन बंद हो जाता है। इस तरह उनके वॉलेट के पैसे डूब जाते हैं, और उनके साथ फ्रॉड हो जाता है। इसलिए आपको हमेशा  एक पॉपुलर और  सही एप्लीकेशन  का चयन करना चाहिये और इसे सही जगह से ही डाउनलोड करना चाहिए। अधिकतर फर्जी एप्लीकेशन गूगल प्ले स्टोर या एप्पल एप स्टोर पर नहीं मिलेंगे, यह एप्लीकेशन अधिकतर अज्ञात सोर्स से या किसी लिंक के द्वारा डाउनलोड किए जाते हैं। तो इस तरह के ऐप डाउनलोड करने से बचें।

    वहीं दूसरी तरह का फ्रॉड वेबसाइट के जरिए किया जा रहा है बहुत सारे ऐसे वेबसाइट बनाए गए हैं, जहां से आप रिचार्ज कर सकते हैं, और वहां अच्छे खासे कमीशन भी दिए जाते हैं। परंतु इनमें से ही कुछ ऐसे वेबसाइट भी हैं, जो दावा करते हैं कि अगर आप यहां से रिचार्ज करते हैं तो आपको आधे दाम में ही पूरा रिचार्ज मिल सकता है।  जैसे अगर किसी ऑपरेटर का 1 साल के लिए रिचार्ज प्लान 2 से ₹3000 का है, तो यह वेबसाइट कहते हैं कि हम यहां आपको ₹1000 में यह प्लान देने वाले हैं। और अगर इस वेबसाइट से कोई व्यक्ति रिचार्ज करता है, तो उस समय उन्हें उस  नंबर पर रिचार्ज का मैसेज भी आ जाता है, परंतु वह मैसेज एक फर्जी मैसेज होता है, जो उसी वेबसाइट के जरिए भेजा जाता है। जब व्यक्ति उस रिचार्ज प्लान के साथ कुछ दिन उपयोग करता है, तो उसके बाद दो-तीन महीनों के अंदर वह रिचार्ज प्लान एक्सपायर (खत्म) हो जाता है। तो यहां दरअसल होता यह है कि, उस वेबसाइट के जरिए 2 से 3 महीने का ही रिचार्ज किया जाता है, परंतु उन्हें एक फर्जी मैसेज भेज दिया जाता है कि आप का रिचार्ज 1 साल के लिए कर दिया गया है। और इस तरह उनके पैसे डूब जाते हैं और उनके साथ फ्रॉड होता है।
    तो यहां आपको सतर्क रहना है। अगर आप किसी वेबसाइट से रिचार्ज कर रहे हैं तो एक ऑफिशल वेबसाइट से ही रिचार्ज करें। और अगर कोई वेबसाइट आपको कहता है कि वह बहुत कम कीमत में आपको बहुत कुछ देने वाला है, तो अच्छे से उसके बारे में जांच पड़ताल कर लें तभी उस से रिचार्ज करें नहीं तो आपके साथ भी फ्रॉड हो सकता है।

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Saturday, August 22, 2020

व्हाट्सएप में बिना नम्बर सेव किये मैसेज कैसे करे? व्हाट्सएप क्लिक टू चैट लिंक कैसे बनाये? WhatsApp mein Bina number save kiye message kaise bheje? WhatsApp click to chat link kya hota hai?

 अगर हमें व्हाट्सएप पर किसी को मैसेज भेजना हो तो इसके लिए पहले हमें उनका नंबर अपने फोन में सेव करना पड़ता है, जिसके बाद ही हम किसी को व्हाट्सएप मैसेजेस भेज सकते हैं। पर यहां आज हम जानेंगे कि कैसे हम बिना किसी का नंबर सेव किए भी व्हाट्सएप मैसेज भेज सकते हैं।  और साथ ही हम जानेंगे की व्हाट्सएप क्लिक टू चैट लिंक क्या होता है और हम इसे कैसे बना सकते हैं।


अगर आपको किसी को व्हाट्सएप मैसेज भेजना है, और उनका नंबर अपने फोन में सेव भी नहीं करना चाहते, तो इसके लिए 2 उपाय हैं। एक तो आप गूगल प्ले स्टोर से  इसके लिए कोई ऐप डाउनलोड कर लीजिए जिसकी मदद से आप बहुत आसानी से यह काम कर पाएंगे।  अगर आप प्लेस्टोर पर जाकर "व्हाट्सएप डायरेक्ट मैसेज" सर्च करते हैं तो आपको कई सारे ऐप्स मिल जाएंगे।


  या तो फिर अगर आप अपने फोन में कोई तीसरा एप्लीकेशन नहीं रखना चाहते इसके लिए तो आप सीधे किसी ब्राउज़र में जाकर सर्च कर सकते हैं "व्हाट्सएप डायरेक्ट मैसेज"। इसके बाद आपको कई सारे वेबसाइट मिल जाएंगे जिस पर आप सीधे कोई मोबाइल नंबर डालकर उनके साथ व्हाट्सएप चैट कर सकते हैं बिना उनका नंबर सेव किए।


अब हम जानते हैं व्हाट्सएप के लिए क्लिक टू चैट लिंक क्या होते है। तो क्लिक टू चैट लिंक एक ऐसा लिंक होता है जिसपर क्लिक करके किसी से सीधे व्हाट्सएप पर बात कर सकते है, बिना उनका नम्बर सेव किये। इस तरह के लिंक का उपयोग के जगह पर होता है। जैसे अगर आप किसी वेबसाइट पर गए और वहां आपको हेल्प के लिए व्हाट्सएप क्लिक टू चैट लिंक दिया गया है, तो अगर आप उस लिंक पर क्लिक करते है तो आपके बिना कुछ किये ही उस लिंक में निहित नंबर पर आपका व्हाट्सएप चैट खुल जायेगा , और वही उनसे चैट कर सकते है।
     व्हाट्सएप क्लिक टू चैट लिंक बनाना बहुत आसान है। इसके लिए कई वेबसाइट भी उपलब्ध है जिनके मदद से किसी नंबर के लिए लिंक बना सकते है, पर आपको किसी वेबसाइट पर जाने की आवश्यकता नही है, यह काम आप खुद भी कर सकते है। किसी नम्बर के लिये व्हाट्सएप क्लिक टू चैट लिंक बनाने के लिए  आप नोटपैड, व्हाट्सएप चैट या कही और टाइप करना है: " https://wa.me/कंट्री कोड और फिर मोबाइल नंबर। जैसे अगर हम मोबाइल नंबर 0123456789 के लिए क्लिक टू चैट लिंक बनाना चाहते है और यह नम्बर इंडिया का है और इंडिया का कंट्री कोड +91 है, तो इस नम्बर के लिए व्हाट्सएप क्लिक टू चैट लिंक होगा- https://wa.me/910123456789 , और अगर कोई इस लिंक पर क्लिक करता है तो इस नंबर के साथ व्हाट्सएप चैट खुल जायेगा।

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Sunday, August 16, 2020

विंडोज कंप्यूटर में किसी वेबसाइट का शॉर्टकट कैसे बनाते है क्रोम ब्राउज़र में? Windows PC me kisi bhi website ka shortcut kaise create karen Google Chrome se?

 

विंडोस कंप्यूटर सिस्टम में  बहुत सारे ऐसे वेबसाइट हैं जिनका कोई एप्लिकेशन उपलब्ध नहीं है। और लोग जब उस वेबसाइट को खोलना चाहते हैं तो बार-बार उन्हें उस वेबसाइट का URL टाइप करना होता है। इसके लिए बेहतर विकल्प यह है कि आप उस वेबसाइट का एक शॉर्टकट बना ले, जिसके बाद आप उस शॉर्टकट पर क्लिक करके ही उस वेबसाइट पर सीधे पहुंच सकते हैं।


विंडोस कंप्यूटर सिस्टम में  किसी भी वेबसाइट या पेज का शॉर्टकट बनाना बहुत ही आसान है। इसके लिए आपको एक ब्राउज़र का इस्तेमाल करना होगा। इसके लिए आप किसी भी ब्राउज़र को चुन सकते हैं, परंतु हम आपको यहां बताने वाले हैं कि गूगल के क्रोम ब्राउजर के अंदर कैसे आप किसी भी वेबसाइट का शॉर्टकट बना सकते हैं।

1.  इसके लिए आपको सबसे पहले अपने कंप्यूटर में गूगल क्रोम को इंस्टॉल करना होगा। अगर पहले से इंस्टॉल है तो आप उस गूगल क्रोम ब्राउजर को खोलें।


2.  ब्राउज़र में जाने के बाद आप उस वेबसाइट का यूआरएल टाइप करें जिसका शॉर्टकट आपको बनाना है जैसे अगर आपको यूट्यूब का शॉर्टकट बनाना है तो आप वहां टाइप करेंगे youtube.com


3.  वेबसाइट खुल जाने के बाद ऊपर दाहिने कोने में आपको 3 डॉट्स देखेंगे जिस पर आप को क्लिक करना है।


4. यहां आपको कई सारे ऑप्शन दिखेंगे जिसमें से आपको आपके माउस कर्सर को More tools पर लेकर जाना है।


5. कर्सर को इस पर लाते ही कुछ और ऑप्शन आपको दिखेंगे जिसमें से आपको क्रिएट शॉर्टकट पर क्लिक करना है।


6. क्लिक करते ही आपके पास एक पॉपअप आ जाएगा यहां अगर आप चाहे तो उसका नाम अपने हिसाब से बदल सकते हैं, नहीं तो वैसे ही छोड़ दे कर आपको बस नीचे create पर क्लिक कर देना है। और फिर ब्राउज़र से बाहर आ जाना है।


7. बाहर आकर आप देखेंगे तो आपको उस वेबसाइट का एक लोगों आपके डेस्कटॉप स्क्रीन पर दिखाई देगा, जिस पर अगर आप दो बार लगातार क्लिक करते हैं तो आप सीधे उस वेबसाइट तक पहुंच जाएंगे।

 

इसी तरह से आप किसी और वेबसाइट या पेज का भी शॉर्टकट बना सकते हैं।



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Saturday, August 15, 2020

फॉमपे या फामकार्ड क्या है? Fampay ya famcard kya hai? Neobank

 Fampay बैंगलोर की एक टेक स्टार्टअप कंपनी है। Fampay भारत का पहला नेओबैंक (neo-bank) है। एक ऐसा  कंपनी जो बैंक तो नही है, पर बैंक की तरह काम करता है। इसमे कोई एक पहचान पत्र देकर भी अपना एकाउंट बना सकते है। fampay का अप्प 18 साल से काम उम्र के किशोर भी कर सकते है, और जहां चाहे पेमेंट कर सकते है। FamPay किशोरों के लिए एक-स्टॉप मोबाइल बैंक है। इसमे यूजर upi, card, pos जैसे सभी पेमेंट कर सकते है।

Fampay की ओर से एक डेबिट कार्ड famcard भी जारी किया जाता है। इस कार्ड की खासियत यह है की इस कार्ड के ऊपर कोई डिटेल जैसे नाम, नम्बर, cvv इत्यादि नही होता। अब आपके मन में सवाल आ सकता है, की अगर कार्ड पर कोई डिटेल नही है तो इसका ऑनलाइन उपयोग कैसे कर सकेंगे। तो यहां इसमें कार्ड की सारी डीटेल्स मोबाइल अप्प के अंदर होता है। अगर ऑनलाइन कार्ड का उपयोग करना है तो उस कार्ड का सारा डिटेल्स अप्प में देखकर भरा जा सकता है।
ऐसा इसलिए किया गया है ताकि अगर कोई यूजर इस कार्ड का उपयोग बाहर किसी शॉप पर कर रहा है तो ऐसे में कोई उस कार्ड का डिटेल्स न देख पाए। और इसका जो सीक्रेट पिन होता है वो भी हर ट्रांसक्शन के लिए अप्प के जरिये अलग-अलग बनते है, इससे अगर कोई उस पिन को देख भी ले तो उसका दोबारा उपयोग न पायेगा उस कार्ड के लिए।

इसमे fam grouping का भी एक बहोत बढिया फ़ीचर दिया गया है। इसमे ग्रुप बनाकर जितने भी fampay यूजर को उस ग्रुप में जोड़ा जाता है वे सारे ग्रुप सदस्य ग्रुप में साझा तरीके से पैसे जमा कर सकते है और फिर वही से जिनको जरूरत हो वही से कही पेमेंट भी कर सकते है।

इस तरह fampay डिजिटल ट्रांसक्शन को बढ़ाने में बहोत बेहतर काम कर रहा है, और किशोरों तक भी इसे लेकर जा रहा है।

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Monday, August 10, 2020

Paid apps और in app purchases में क्या अंतर है? Paid apps aur in-app-purchase mein kya Antar hai?

 जब हम पेड एप्प (paid apps) या in-app-purchase की बात करते है तो हमे समझ आता है की उस अप्प के लिए हमें पैसे देने होंगे। पर क्या आपको पता है की इनके बीच क्या अंतर है और किस तरह के अप्प खरीद पर कब पैसे देने होते है? तो चलिए आगे हम इसे ही जानते है।


    सबसे पहले हम paid app की बात करते है, तो पेड अप्प में किसी अप्प या गेम को इनस्टॉल और उपयोग करने के लिए पहले पैसे देने पड़ते है। मतलब पेड अप्प्स को इनस्टॉल करने से पहले ही आपको पैसे देने होंगे। 


    पर वही अगर हम in app purchase की बात करते है तो यह आपको पेड और फ्री दोनो ही अप्प्स में देखने को मिलेंगे। इन अप्प परचेस का मतलब है, अप्प के अंदर ही खरीददारी। कई सारे अप्प और गेम है जिनको इनस्टॉल करने के बाद उसके अंदर ही कुछ प्रीमियम और पेड सर्विसेज का उपयोग करने के लिए अलग से पैसे देने होते है। जैसे PUBG एक बहुत पॉपुलर गेम है इसे इंस्टाल करने के लिए कोई पैसे नही लगते मतलब यह एक फ्री अप्प है, पर गेम के अंदर कुछ हथियार इत्यादि खरीदने के लिए आपको पैसे देने होते है, तो जब जब आप अप्प के अंदर पैसे देकर कुछ सर्विसेज खरीदते है तो इसे न अप्प परचेस कहते है। 


    कुछ पेड अप्प्स के अंदर भी in-app-purchase का ऑप्शन मिल जाता है। वही बहोत सारे ऐसे अप्प भी है जो बिल्कुल फ्री है, ये नही paid अप्प है और नही in-app-purchase।

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Sunday, August 2, 2020

UPI Auto-pay क्या है? Autopay kya hai?

unified payment interface (UPI) 2.0  के अंदर National payment Corporation of India (NPCI) एक और नया फीचर जोड़ दिया है। AutoPay का। 


NPCI की स्थापना 2008 में की गयी थी जो सभी तरह की पेमेंट का देखरेख और मैनेजमेंट करती है। कुछ साल पहले ही NPCI के द्वारा रुपए कार्ड (Rupay Card) को प्रचलन में लाया गया था। और NPCI ने ही जुलाई 2016 में UPI को लांच किया था। और तब से अब तक UPI के करोडों उपयोगकर्ता है। UPI ऑनलाइन पैसो के लेनदेन के लिए ऑनलाइन बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, क्रेडिट और डेबिट कार्ड के मुकाबले बहुत आसान है। और अब इसी कक देखते हुए UPI के अंदर autopay के फीचर जोड़ा जा रहा है।
UPI autopay के उपयोग से हर महीने भरे जाने वाले Bill, EMI, SIP, loan, insurance इत्यादि का भुगतान करने के लिए हर महीने पेमेंट करने की आवस्यकता नही होगी। upi उपयोगकर्ता चाहे तो बस एक बार upi uptopay सेटअप करके इससे  निजात पा सकता है, और हर महीने बिना उसके कुछ किये भी उसका पेमेंट उसके बैंक से होता रहेगा। और ऐसा नहीं है कि अगर आपने एक बार autopay सेटअप कर दिया तो आप उसे बदल नहीं सकते, आप जब चाहे उस ऑटोपे को पाऊस या डिलीट कर सकते हैं। इसके लिए आपके यूपीआई एप के अंदर ही ऑटोपे मैंडेट (AutoPay Mandate) का एक ऑप्शन दिया जाएगा।
पर इसमे भी एक लिमिट दी गयी है। अगर आप UPI Autopay सेटअप करते है, और आपका प्रतिमाह भुगतान की राशि ₹2,000 या उससे काम है, तो यह ठीक से काम करेगा और आपमे कुछ किये बिना ही आपका पेमेंट हर महीना होता रहेगा,  परंतु वही अगर autopay के लिए आपका प्रति भुगतान की राशि ₹2,000 से ज्यादा का है, तो आपको पेमेंट करने के लिए upi अप्प में जाकर हर महीने अपना upi पिन डालना होगा तभी पेमेंट हो पायेगा।


UPI Autopay सेटअप करने के लिए पेमेंट करते समय आपको UPI पेमेंट विकल्प में Autopay mandate पर क्लिक करना होगा और फिर UPI अप्प में रिडेरेक्ट होने पर आपको चुनना है की कितने महीने के लिए आप autopay करना चाहते है। महीने सेलेक्ट कर लेने के बाद आपको बस UPI पिन डालकर पेमेंट कर देना है।


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खोए हुए कांटेक्ट को वापस कैसे लाएं? गूगल कॉन्टैक्ट्स बैकअप और रिस्टोर कैसे करे? Khoye hue contacts ko wapas kaise laye? Google contacts backup or restore kaise karen?

   अगर किसी एंड्राइड फोन में कांटेक्ट को हमेशा के लिए सुरक्षित करके रखना है, तो इसके लिए सबसे बेहतर तरीका है, गूगल कांटेक्ट के अंदर उसका बै...