आपने भी कई बार सोचा होगा की बैंक भला पैसे कैसे कमाते हैं! जो भी पैसे हम बैंक में जमा करते हैं उसके लिए हमें ब्याज भी देते हैं, और इतने सारी फैसिलिटी भी प्रदान करते हैं, तो यह कमाते कैसे हैं। तो चलिए जानते आज बैंक पैसे कैसे कमाते हैं।
किसी भी बैंक के कई अलग-अलग कमाई के स्रोत हैं। जिसमे से पहला और मुख्य कमाई स्रोत ऋण है। जैसा की आप जानते है, अगर कोई ग्राहक बैंक से ऋण लेता है, तो वहां उसे 10% से लेकर 15% तक ब्याज देना पड़ता है। वहीं अगर कोई व्यक्ति अपना पैसा बैंक में जमा रखता है, तो उसे ज्यादा से ज्यादा 8% तक ब्याज दिया जाता है। अगर यह पैसा बचत खाता में हो, तो ब्याज और भी कम हो जाता है। यहां ब्याज 3 से लेकर 4% तक ही होता है। और इस तरह से बैंक 4% से लेकर 8% तक ब्याज कमाता है। इसके अलावा बैंकिंग प्रणाली के अन्य कई कमाई के स्रोत निम्न है:-
किसी भी बैंक के कई अलग-अलग कमाई के स्रोत हैं। जिसमे से पहला और मुख्य कमाई स्रोत ऋण है। जैसा की आप जानते है, अगर कोई ग्राहक बैंक से ऋण लेता है, तो वहां उसे 10% से लेकर 15% तक ब्याज देना पड़ता है। वहीं अगर कोई व्यक्ति अपना पैसा बैंक में जमा रखता है, तो उसे ज्यादा से ज्यादा 8% तक ब्याज दिया जाता है। अगर यह पैसा बचत खाता में हो, तो ब्याज और भी कम हो जाता है। यहां ब्याज 3 से लेकर 4% तक ही होता है। और इस तरह से बैंक 4% से लेकर 8% तक ब्याज कमाता है। इसके अलावा बैंकिंग प्रणाली के अन्य कई कमाई के स्रोत निम्न है:-
• क्रेडिट कार्ड जारी करना और रखरखाव शुल्क :- आपने देखा हो तो कई बार आपको बैंक की तरफ से क्रेडिट कार्ड के लिए कॉल आता होगा जहां वे आपसे क्रेडिट कार्ड लेने के लिए कहते हैं क्योंकि क्रेडिट कार्ड जारी करने पर उन्हें आपको शुल्क देना होता है और क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने पर आपको प्रति वर्ष कुछ पैसे देने होते हैं और इस तरह क्रेडिट कार्ड से बैंको की कमाई होती है।
• डेबिट कार्ड जारी करने और रखरखाव शुल्क :- डेबिट कार्ड या ATM card तो आपके पास भी होगा। अगर आपको बैंक से पैसे निकालने हैं तो डेबिट कार्ड का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं डेबिट कार्ड के लिए भी आपको कितना पैसा देना पड़ता है? कई सारे बैंक तो आपको शुरू में फ्री में डेबिट कार्ड दे देते हैं, परंतु कई सारे बैंक आपको जब पहली बार डेबिट कार्ड देते हैं, तो वहां आपसे कुछ चार्ज लिया जाता है। इसके अलावा जब आप डेबिट कार्ड का उपयोग करते हैं तो आपके बैंक अकाउंट से प्रतिवर्ष डेबिट कार्ड चार्ज लिया जाता है। इस तरह बैंक के द्वारा जितने भी डेबिट कार्ड दिए गए होते हैं उन सभी डेबिट कार्ड धारकों से सालाना पैसे वसूल किए जाते हैं।
• क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड नकद निकासी शुल्क :- अगर आपके पास एक क्रेडिट कार्ड है, और आप उससे एटीएम से जाकर पैसे निकालते हैं, तो आपसे वहां कुछ चार्ज लिया जाता है। वहीं अगर आपने कोई डेबिट कार्ड ले रखा है, तो कुछ 4 से 6 बार आपको एटीएम से फ्री में कॅश निकालने दिया जाता है, परंतु अगर आप इससे ज्यादा बार पैसे निकालते हैं, तो आपको हर बार बैंक को कुछ एक्स्ट्रा चार्ज देना होता है। और इस तरह जितनी बार आप 1 महीने में अधिक एटीएम कार्ड को यूज करेंगे उतना ज्यादा आपको अधिक पैसा देना होगा।
• चेकबुक जारी करने और चेक बाउंस शुल्क :- बैंक से अगर कोई चेक बुक लेना चाहता है, तो चेक बुक जारी करने के लिए बैंक उनसे कुछ चार्ज वसूल करती है। इसके अलावा अगर कोई चेक बाउंस हो जाता है, जैसे अगर अकाउंट में पैसे नहीं हो और आपने किसी को चेक दे दिया है, तो ऐसे में चेक बाउंस हो जाता है। और चेक बाउंस होने पर उस खाताधारक के एकाउंट से दंड के रूप में कुछ पैसे काट लिए जाते हैं।
• एसएमएस अलर्ट शुल्क :- जब भी आपके बैंक अकाउंट से पैसे निकाले जाते हैं या जमा किए जाते हैं या किसी और तरह का कोई गतिविधि होता है, तो इसके लिए बैंक के तरफ से आपको एसएमएस (message) आता है। पर क्या आप जानते हैं सालाना आपको s.m.s. के लिए भी चार्ज देना होता है। हर साल में एक बार बैंक आपके अकाउंट से s.m.s. चार्ज काटती है।
• मासिक औसत बैलेंस प्रभार शुल्क :- हर तरह के क्षेत्र के लिए, बैंकों के द्वारा, बैंक एकाउंट में, एक कमसे कम उपलब्ध होने की निर्धारित राशि तय की गई है। अगर कोई व्यक्ति महीने के अंत तक उस तय की गई राशि से कम राशि अपने अकाउंट में रखता है, तो इसके लिए उनसे कुछ चार्ज उनके अकाउंट से काट लिया जाता है। इस तरह के चार्ज से ज्यादातर कमाई ग्रामीण क्षेत्रों में होती है।
• इंटरनेट बैंकिंग लेनदेन शुल्क :- अगर आप अपने बैंक की ऑनलाइन सर्विसेज का उपयोग करते हैं, तो वहां आपको कुछ ट्रांजैक्शन फ्री दिए जाते हैं। परंतु अगर आप ज्यादा बार पैसों का लेनदेन इंटरनेट बैंकिंग के जरिए करते हैं, तो वहां भी आपको कुछ शुल्क देना होता है।
• बीमा :- कई सारे बैंक अलग-अलग तरह के बीमा योजना भी चलाते हैं। जिसमें वे जीवन बीमा, वाहन बीमा इत्यादि बेचते हैं, और इनसे भी उनको कमाई होती है।
• लॉकर सुविधा :- कई सारे बैंकों के द्वारा आपको लॉकर की सुविधा भी दी जाती है। जिसमें आप अपने कीमती वस्तुओं को बैंक में जमा करके रख सकते हैं। और इसके लिए आपको सालाना एक निश्चित रकम देनी होती है।
• बांड और म्यूच्यूअल फण्ड :- जैसा कि आप जानते होंगे बैंकों के अलग-अलग कई सारे मुचल फंड भी होते हैं, जहां से उनको कमाई होती है। इसके अलावा अगर बैंक के पास ज्यादा पैसे जमा हो जाते हैं, और वह ज्यादा लोन नहीं दे पाते हैं, तो बचे हुए पैसों को वे सरकारी बांड या म्यूच्यूअल फंड में ही इन्वेस्ट करते हैं। जहां से उन्हें अच्छी खासी रिटर्न मिल जाती है।
यह थे कुछ मुख्य बैंकों के कमाई का जरिया। इसके अलावा भी कई सारे तरीके हैं जहां से बैंक पैसे कमाते हैं। यहां आपके दिमाग में यह सवाल आ सकता है कि अगर छोटे-छोटे चार्जर्स जैसे s.m.s. चार्ज इत्यादि से बैंक को भला कितना ज्यादा फायदा होता होगा! तो आप थोड़ा मैथ करेंगे तो आप देख पाएंगे कि आप से लिया गया एक छोटा सा रकम अगर लाखों-करोड़ों लोगों से लिया जा रहा है तो वह कितना ज्यादा हो सकता है।
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