जैसा कि आप जानते होंगे हमारे स्मार्टफोन या कंप्यूटर सिस्टम में दो तरह की मेमोरी होती है। एक तो रैम मेमोरी होती है, वही दूसरा रोम मेमोरी होती है, जिसे हम internal storage भी कहते है।
तो आप यहां internal storage या ROM memory के बारे में तो जानते होंगे। रोम मेमोरी में हमारे स्मार्टफोन या कंप्यूटर सिस्टम का सारा डाटा दूर होता है जैसे एप्स, वीडियोस,फोटोस इत्यादि।
परंतु यहां रैम मेमोरी का काम कुछ और होता है। जब हम किसी एप्लीकेशन को खोलते हैं, तो यह एप्लीकेशन जहां खुलता है वह जगह रैम मेमोरी का होता है, जब कोई अप्प या सॉफ्टवेयर किसी स्मार्टफोन में या कंप्यूटर सिस्टम में काम करता है, तो यह रैम के ऊपर ही काम करता है। तो यहां जितना ज्यादा रैम होगा उतना ही ज्यादा अप्प्स एक साथ काम कर पाएंगे। अगर रैम कम होगा तो अप्प्स एक साथ कम अप्प्स काम कर पाएंगे और धीरे-धीरे काम कर पाएंगे। परंतु अगर ज्यादा रैम मिलती है, तो एक साथ ज्यादा अप्प्स और ज्यादा तेजी से काम कर पाएंगे।
परंतु ऐसा भी नहीं है कि, किसी स्मार्टफोन या कंप्यूटर सिस्टम में रैम ही सब कुछ होता है। किसी भी स्मार्टफोन या कंप्यूटर सिस्टम को काम करने के लिए रैम से ज्यादा एक अच्छे प्रोसेसर की जरूरत होती है। अगर रैम बहुत ज्यादा दे दिया जाए परंतु उसमें एक अच्छा प्रोसेसर नहीं है, तो यहां रैम किसी भी काम का नहीं है।
पहले के समय में किसी स्मार्टफोन में 512mb तो किसी स्मार्टफोन में 1 से 2gb तक का रैम दिया जाता था। और इतने में सभी एप्लीकेशन अच्छे से काम कर लेते थे। परंतु आज सभी एप्लीकेशन बड़े साइज के हो गए हैं, और यह ज्यादा से ज्यादा रैम का उपयोग करते हैं। इसलिए आज के समय में किसी स्मार्टफोन में कम से कम 4gb या उससे ज्यादा रैम का होना आवश्यक हो गया है।
तो आप यहां internal storage या ROM memory के बारे में तो जानते होंगे। रोम मेमोरी में हमारे स्मार्टफोन या कंप्यूटर सिस्टम का सारा डाटा दूर होता है जैसे एप्स, वीडियोस,फोटोस इत्यादि।
परंतु यहां रैम मेमोरी का काम कुछ और होता है। जब हम किसी एप्लीकेशन को खोलते हैं, तो यह एप्लीकेशन जहां खुलता है वह जगह रैम मेमोरी का होता है, जब कोई अप्प या सॉफ्टवेयर किसी स्मार्टफोन में या कंप्यूटर सिस्टम में काम करता है, तो यह रैम के ऊपर ही काम करता है। तो यहां जितना ज्यादा रैम होगा उतना ही ज्यादा अप्प्स एक साथ काम कर पाएंगे। अगर रैम कम होगा तो अप्प्स एक साथ कम अप्प्स काम कर पाएंगे और धीरे-धीरे काम कर पाएंगे। परंतु अगर ज्यादा रैम मिलती है, तो एक साथ ज्यादा अप्प्स और ज्यादा तेजी से काम कर पाएंगे।
परंतु ऐसा भी नहीं है कि, किसी स्मार्टफोन या कंप्यूटर सिस्टम में रैम ही सब कुछ होता है। किसी भी स्मार्टफोन या कंप्यूटर सिस्टम को काम करने के लिए रैम से ज्यादा एक अच्छे प्रोसेसर की जरूरत होती है। अगर रैम बहुत ज्यादा दे दिया जाए परंतु उसमें एक अच्छा प्रोसेसर नहीं है, तो यहां रैम किसी भी काम का नहीं है।
पहले के समय में किसी स्मार्टफोन में 512mb तो किसी स्मार्टफोन में 1 से 2gb तक का रैम दिया जाता था। और इतने में सभी एप्लीकेशन अच्छे से काम कर लेते थे। परंतु आज सभी एप्लीकेशन बड़े साइज के हो गए हैं, और यह ज्यादा से ज्यादा रैम का उपयोग करते हैं। इसलिए आज के समय में किसी स्मार्टफोन में कम से कम 4gb या उससे ज्यादा रैम का होना आवश्यक हो गया है।
हिंदी वीडियो के माध्यम से और, और बेहतरीन समझने के लिए नीचे देखें।👇
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