अगर आपने ध्यान दिया हो तो जब भी किसी कंपनी के तरफ से कोई मैसेज भेजा जाता है, और उस मैसेज में अगर किसी वेबसाइट का लिंक है, तो वह लिंक उस वेबसाइट के नाम पर ना होकर एक शॉर्टलिंक होता है। तो क्या आप जानते हैं, वह इस तरह के लिंक मैसेज में क्यों भेजते हैं?
इस तरह के लिंक भेजने के मुख्यतः तीन कारण है जिन कारणों से मैसेज या ई-मेल के अंदर इस तरह के शॉर्टलिंक भेजे जाते हैं।
1. गतिविधि पर नज़र रखना :- अगर आपको इस तरह के लिंक मैसेज या ईमेल में किसी वास्तविक वेबसाइट या कंपनी की ओर से आता है, तो इसका सीधा मकसद होता है कि लोगों को ट्रैक किया जाए कि जितने भी मैसेज या ईमेल भेजे गए हैं उनमें से कितनों के ऊपर क्लिक किया गया है। किसी भी वेबसाइट या वेब पेज का लिंक भेजने से पहले अगर उस लिंक को शॉर्ट कर दिया जाए तो उस वेबसाइट का वास्तविक नाम उस लिंक के अंदर नहीं आता, और जिस वेबसाइट पर इस लिंक को शार्ट किया जाता है वहां से उसे ट्रैक भी किया जा सकता है कि उस सेट किए गए लिंक पर कितने लोगों ने क्लिक किया है। जैसे अगर आपको किसी मैसेज में कोई लिंक https://bit.ly/xyz से आता है, तो मतलब इस लिंक को bitly वेबसाइट से शार्ट किया गया है। आप चाहे तो सीधे गूगल पर bit.ly सर्च करके उस वेबसाइट पर जा सकते है। वैसे ही कुछ लिंक onelink पर शार्ट किये जाते है जिसके लिये वेबसाइट है onelink.me या कुछ लिंक tiny के ऊपर भी शार्ट किये हुए हो सकते है।
अगर आप भी चाहे तो इन वेबसाइट पर जाकर अपना अकाउंट बनाकर किसी भी लिंक को शार्ट करके कहीं भेज सकते हैं, और उसे ट्रैक भी कर सकते हैं।
2. क्योंकि कई बार कुछ वेब एड्रेस और वेब पेज या वेबसाइट के लिंक बहुत लंबे होते हैं, इसलिए उन्हें शार्ट करके छोटे भी बनाए जाते हैं। और इसलिए भी आपको अलग तरह के शार्ट किये हुए लिंक देखने को मिल सकते हैं।
3. वहीं कुछ लोग लिंक शार्ट करके मैसेज में इसलिए भेजते हैं, क्योंकि वह कुछ अवैध गतिविधि कर रहे होते हैं।और ऐसे वेबसाइट के लिंग होते हैं उस मैसेज में जिसे देखने पर कोई उस पर क्लिक ना करें। इसलिए भी कई बार धोखा करने वाले लिंक को शार्ट करके मैसेज में भेजते हैं।
हिंदी वीडियो के माध्यम से समझने के लिए यहां देखें👇
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