Sunday, February 9, 2020

ऑनलाइन या ऑफलाइन वस्तुओं की बिक्री पर ऐसे ग्राहकों को मूर्ख बनाया जाता है। Online ya offline vastuon ki bikri per Aise Grahko ko murkh banaya jata hai।


चाहे हम कितने भी स्मार्ट कंज्यूमर हो कंपनियां अक्सर हमे अपने झांसे में ले लेती है, और ग्राहकों को फेक डिस्काउंट दिखाकर कम कीमत की वस्तु को ज्यादा कीमत में भी बेच देती है तो कभी कम मात्रा के वस्तु को भी ज्यादा कीमत पर बेंच देती है।
    आपको क्या लगता है ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट पर दिखाए गए वस्तुओं के कीमत सही होते हैं?  अगर आप गौर करेंगे तो देखेंगे की ऑनलाइन इकॉमर्स वेबसाइट पर दिखाए गए किसी भी वस्तुओं की कीमत सही नहीं होते हैं। अक्सर वहां एक फेक कीमत दिखाई जाती है जिसे काटकर असली कीमत पर वस्तु को बेचा जाता है, और बताया जाता है कि इतना डिस्काउंट दिया जा रहा है।  जैसे अगर कोई फोन ₹10000 में लॉन्च हुआ है, तो ई-कॉमर्स वेबसाइट पर दिखाया जाता है, कि यह फोन ₹13000 का है परंतु आपको कुछ परसेंट डिस्काउंट करके ₹10000 में दिया जा रहा है। जबकि उस फोन की कीमत कभी भी ₹13000 नहीं रखी गई होती है। इस तरह ऑनलाइन किसी वस्तु की कीमत को बढ़ाकर दिखाया जाता है, ताकि ग्राहकों को लगे कि उन्हें डिस्काउंट दिया जा रहा है। और वे ज्यादा से ज्यादा वस्तुओं की खरीदी करें।
वहीं अगर हम ऑफलाइन मार्केट की बात करें तो, ऑफलाइन मार्केट में फेक प्राइसिंग तो नहीं दिखाई जाती, परंतु यहां कई सारी कम मात्रा की वस्तुएं आपको ज्यादा कीमत पर बेंच दी जाती है। अगर हम इसे उदाहरण के तौर पर समझे तो मान लेते हैं हम एक-एक रुपए के छोटे पैक 50 शैंपू लेते हैं। और प्रत्येक पैक में 25g मात्रा है, तो हमे टोटल 25g × 50 = 1250g मिलता है। परंतु अगर हम एक ₹50 का वही शैम्पू बोतल लेते है तो वहां हमे वहां 1000g या 9000g का ही मात्रा वाली बोतले मिलती है। वहीं कुछ वस्तुओं में फेक डिस्काउंट दिखाया जाता है। जैसे अगर कोई वस्तु ₹20 में 500g पैक मिल रहा है, तो उस पैक पर अगर कुछ % ज्यादा दिया जाता है, तो उसकी मात्रा नही बढ़ाई जाती बस उस पैक पर 10%, 20% extra लिख दिया जाता है। और ग्राहक समझते है इस पैक में ज्यादा मात्रा दी जा रही है, और उसे ज्यादा खरीदते है।
ऊपर तो हमने बताया जिन वस्तुओं में आपको MRP ( maximum retail price )/अधिकतम खुदरा मूल्य लिखा मिलता है उसके बारे में। परंतु कई सारी वस्तुएं ऐसी हैं जिन पर MRP नहीं लिखा होता जैसे कपड़े, जूते और कई ऐसे वस्तुएं जिनका कोई अच्छा-खासा ब्रांड नहीं होता, इन पर कंपनियां या दुकानदार अपने हिसाब से जितना चाहे उतना ज्यादा मार्जिन ऐड कर देते हैं।

हिंदी वीडियो में समझने के लिए नीचे देखें।👇


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